अभिभावकों ने हॉस्टल के वार्डन को दी माफी, स्कूल ने किया निलंबित
संवाद सूत्र, गोईलकेरा : गोईलकेरा के संत जॉन स्कूल टेपासाई केबेडकेरा में चार बच्चों की हॉस्टल के वार्
संवाद सूत्र, गोईलकेरा : गोईलकेरा के संत जॉन स्कूल टेपासाई केबेडकेरा में चार बच्चों की हॉस्टल के वार्डन (ब्रदर) द्वारा की गई पिटाई मामले में अभिभावकों ने आरोपित वार्डन को माफी दे दी। गोईलकेरा थाने में उन्होंने वार्डन एलियस एक्का के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराया। वहीं स्कूल प्रबंधन ने उनको निलंबित कर दिया है। आरोपित को थाने में बांड लिखवाकर छोड़ा गया है। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि समय समय पर पुलिस स्कूल में बच्चों के प्रति व्यवहार की जांच भी करेगी। पीडित छात्रों में सूरज बोदरा, डायमंड कुंकल, सुनील बोदरा और सूरज कुम्हार के परिजन गोईलकेरा थाने पहुंचे।
थाना प्रभारी ने बच्चों, उनके अभिभावकों के अलावा स्कूल के ¨प्रसिपल और वार्डन से पूछताछ भी की। मालूम हो कि शनिवार की शाम संत जॉन स्कूल टेपासाई के चार बच्चों की हॉस्टल के वार्डन ने बेरहमी से पिटाई कर दी थी। इससे आहत चारो बच्चे 10 किमी पैदल चलकर सोनुवा थाने पहुंच गए थे। बच्चों ने थाना प्रभारी कुलदीप कुमार को मामले की जानकारी दी थी। रात में ही बच्चों के अभिभावकों को मामले से अवगत कराया गया। बच्चों को गोईलकेरा थाने लाया गया
स्कूल के गोईलकेरा थाना क्षेत्र में होने के कारण अग्रेतर कार्रवाई के लिए सहायक अवर निरीक्षक संतोष तिवारी ने चारो पीडि़त बच्चों को रविवार को गोईलकेरा थाने ले आए। पुलिस ने बच्चों के अभिभावकों को भी बुलाया। वहीं आरोपित वार्डन, स्कूल के प्रि¨सपल और कई शिक्षक भी गोईलकेरा थाने पहुंचे। यहां थाना प्रभारी ब्रजेन्द्र कुमार ¨सह ने स्कूल के प्रि¨सपल समेत आरोपित को कड़ी फटकार लगाई। अभिभावकों से कहा कि आप आरोपित के खिलाफ केस दर्ज करा सकते हैं। लेकिन अभिभावकों ने आपस में विचार करने के बाद उसे एक मौका देने और केस दर्ज नहीं कराने की बात कही। थाना प्रभारी ने बच्चों से भी इस बाबत पूछा। मासूम बच्चों ने भी पुलिस से कहा कि उनको माफ कर दीजिए। स्कूल को बच्चों की ¨चता होती तो वे बाहर नहीं निकलते : थाना प्रभारी
पूरे प्रकरण में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल प्रबंधन को बच्चों का भरोसा जीतने की नसीहत दी। थाना प्रभारी ब्रजेन्द्र कुमार ¨सह ने कहा कि हॉस्टल के चारो बच्चे स्कूल से रात में निकलकर 10 किमी पैदल आ गए। यह भी गंभीर मामला है। स्कूल को बच्चों की ¨चता होती तो ऐसा नहीं होता। यह लापरवाही है। गनीमत रही कि रात में बच्चों के साथ कुछ अप्रिय नहीं हुआ। उन्होंने ¨प्रसिपल से कहा कि बच्चों के साथ स्कूल प्रबंधन को नरमी से पेश आना चाहिए। शारीरिक दंड देना अपराध है।