चक्रधरपुर के ग्रामीण इलाकों में बढ़ने लगी पंचायत चुनाव की सरगर्मी
जागरण संवाददाता चक्रधरपुर गांवों में धीरे-धीरे आगामी पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़न
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : गांवों में धीरे-धीरे आगामी पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ने लगी है। राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के लोगों के साथ ही युवा वर्ग भी पंचायत चुनाव में हाथ आजमाने की तैयारी में जुट गए हैं। ग्रामीणों के बीच नेता का तमगा हासिल करने के लिए काम के सारे जतन किए जाने लगे हैं। इस बार झारखंड में दलगत आधार पर पंचायत चुनाव होने के कारण राजनीतिक दलों में भी दांव आजमाने की जुगत बढ़ने लगी है। गांव में काम कर रहे सामाजिक संगठन भी राजनीतिक संगठनों से बेहतर समन्वय स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं पिछले चुनाव में जनप्रतिनिधि के रूप में चुने गए या फिर सशक्त नेता के रूप में उभरे जनता के तारणहार पुन: अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए मशक्कत करते दिख रहे हैं। लोकतंत्र में ग्राम स्तर पर मुखिया का पद बेहद प्रभावशाली माना जाता है। इसलिए दलगत आधार पर होने वाले पंचायत चुनाव में कोई भी राजनीतिक दल अपनी मजबूत स्थिति साबित करना चाहेगी। वहीं पिछले चुनाव में मिले अनुभवों से राजनीतिक दल के प्रखंड, नगर एवं जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मुखिया, पंचायत समिति सदस्य या फिर जिला परिषद सदस्य सरीखे पद प्राप्त करने को हर जोर आजमाइश करेंगे।
ग्रामीण परिवेश और आर्थिक मजबूती होंगे कारक
आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्रामीण परिवेश और आर्थिक मजबूती महत्वपूर्ण कारक हो सकते हैं। प्रत्याशी के केवल आर्थिक रूप से मजबूत होने को चुनाव में विजयी होने का आधार नहीं माना जा सकता है। प्रत्याशी का गांव या पंचायत में छवि और व्यवहार भी चुनाव को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा। आर्थिक रूप से कमजोर प्रत्याशियों का यही सबसे बड़ा हथियार होगा।