Move to Jagran APP

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में मिली मैंगनीज अयस्क की गुफा Chaibasa News

गालूडीह से 25 किलोमीटर अंदर भुमरू पहाड़ पर है मैंगनीज का अकूत भंडार अंग्रेजों के जमाने की है यह गुफा अंग्रेज करते थे खनिज का खनन।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 09:47 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 09:47 AM (IST)
पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में मिली मैंगनीज अयस्क की गुफा Chaibasa News
पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में मिली मैंगनीज अयस्क की गुफा Chaibasa News

चाईबासा (सुधीर पांडेय)। झारखंड और पश्चिम बंगाल की ओडिशा सीमा से सटे भुमरू पहाड़ पर खान एवं भूतत्व विभाग की टीम ने मैंगनीज अयस्क की गुफा खोजी है। अंग्रेजों के जमाने की यह गुफा उच्च श्रेणी का मैगनीज अपने में समेटे हुई है।

prime article banner

जमीन से करीब एक हजार फीट ऊपर मैंगनीज के पहाड़ में बनायी गयी गुफा में भूतत्ववेताओं को 8 से 9 की संख्या में एडिट एवं शाफ्ट मिले हैं। इससे यह पता चलता है कि 1927 से पहले अंग्रेज शासनकाल में यहां मैंगनीज अयस्क का खनन किया जा चुका है। भुमरू पहाड़ पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड अंतर्गत गालूडीह क्षेत्र से करीब 25 किलोमीटर भीतर है। भुमरू में मिले मैंगनीज अयस्क के अकूत भंडार से भूतत्व विभाग खासा उत्साहित है और झारखंड के विकास में इसे काफी अहम माना जा रहा है। कोल्हान प्रमंडल के भूतत्व विभाग के उपनिदेशक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि खान सचिव अबु बक्कर सिद्दीकी और भूतत्व निदेशक कुमारी अंजलि के आदेश के अनुपालन में हम लोगों ने करीब तीन साल पहले एक टीम का गठन किया था। इसमें भूतत्ववेता ज्योति शंकर सतपथी, अनुबंधित भूतत्ववेता रामावतार कुमार यादव एवं सर्वेक्षक जय प्रकाश नारायण समेत अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया था।

इन लोगों ने भुमरू पहाड़ का विस्तृत भूतात्विक चित्रण का कार्य किया। प्रथम दृष्टया मैपिंग के दौरान मैंगनीज के काफी स्ट्राइक लेंथ में 1 से 2 किलोमीटर एवं चौड़ाई में 2 से 3 मीटर के मैंगनीज अयस्क ऊपर में ही पाये गये हैं। मैपिंग के दौरान सर्वेक्षण दल को अंग्रेजों के जमाने की गुफा भी मिली है। इसमें 8 से 9 की संख्या में एडिट एवं शाफ्ट पाये गये हैं। यह दर्शाता है कि एक समय अंग्रेजों ने यहां माइनिंग की है। देश आजाद होने के बाद से यह भंडारण सरकार की नजर में नहीं थी। 2017 में यहां मैंगनीज अयस्क के अकूत भंडार का पता चला। ये गुफा काफी अंदर तक पायी गयी है। माइनिंग एक्सपलोरेशन कारपोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) द्वारा सरकार के निर्णय के आलोक में जियो फिजिकल सर्वे वर्तमान में यहां कराया जा रहा है। इस सर्वे के उपरांत भेदन (ड्रिलिंग) का कार्य कराया जाएगा।

घाटशिला प्रखंड के गालूडीह क्षेत्र के भुमरू गांव के पास पहाड़ पर मैगनीज अयस्क का अकूत भंडार व अंग्रेजों के जमाने की गुफा मिली है। यह मैगनीज काफी अच्छे ग्रेड का है। अध्ययन अनुसार औसतन 35 से 50 के बीच का ग्रेड है। सर्वे व ड्रिलिंग का काम पूरा होने के बाद इसे नीलामी के लिए सरकार को समर्पित कर दिया जाएगा। उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल होली तक नीलामी के लिए मैंगनीज अयस्क खदान तैयार हो जाएगी।

संतोष कुमार सिंह, उपनिदेशक, भूतत्व विभाग, पश्चिमी सिंहभूम।

कोल्हान में इन इलाकों में है मैंगनीज अयस्क का भंडार

पश्चिमी सिंहभूम के गुवा, नोवामुंडी, जामदा, चाईबासा के पास मैंगनीज अयस्क प्रचूर मात्रा में है। बड़ाजामदा में देवकाभाई वेलजी और विजय कुमार ओझा की मैंगनीज खदान चालू है। इसके अलावा जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को गालूडीह के झाटीझरना, भुमरू पहाड़, बोड़ाम और धालभूमगढ़ क्षेत्र में भी भंडार मिला है। यहां लाखों टन मैंगनीज है। यह सभी खदान चालू हो गईं तो कोल्हान मैंगनीज अयस्क के उत्पादन में नंबर-1 हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.