एसीसी फैक्ट्री में सीमेंट के मलबे में दबकर मजदूर की मौत
पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी में अवस्थित एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में काम करने के दौरान सीमेंट के मलबे में दबने से एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना सोमवार की अहले सुबह करीब 5. 30 बजे उस समय हुई जब मजदूर सीमेंट फैक्ट्री में काम कर रहे थे।
संवाद सूत्र, झींकपानी : पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी में अवस्थित एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में काम करने के दौरान सीमेंट के मलबे में दबने से एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना सोमवार की अहले सुबह करीब 5. 30 बजे उस समय हुई जब मजदूर सीमेंट फैक्ट्री में काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि स्लैग हटाने के क्रम में लोडर से सीमेंट बनाने के लिए उपयोग में लाने वाली स्लैग मजदूर के ऊपर गिर गई। उसमें दबने के कारण मजदूर की मौत हो गई। मृत मजदूर का नाम सुकरा गोप है। सुकरा की रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे वाली शिफ्ट में ड्यूटी थी। घटना के बाद सहयोगी आनन-फानन में एसीसी की एंबुलेंस से सुकरा को सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टर ने उसकी मौत की पुष्टि की।
घटना की जानकारी मिलने पर मृतक के परिजन मजदूर नेता जॉन मिरन मुंडा के साथ सदर अस्पताल पहुंचे। एसडीपीओ अमर कुमार पांडेय, अंचल पुलिस पदाधिकारी मनोज गुप्ता, झींकपानी थाना प्रभारी नागेंद्र ओझा भी दलबल के साथ सदर अस्पताल पहुंच गए। मृतक के परिजनों ने सुकरा की मौत के लिए एसीसी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि सुरक्षा विभाग की लापरवाही से यह घटना हुई है। परिवार के एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु होने से परिवार का पालन पोषण के लिए पुत्र को स्थायी नौकरी एवं 20 लाख रुपये मुआवजा की मांग की गई। स्थिति को देखते हुए एसीसी प्रबंधन ने तत्काल दाह संस्कार के लिए एसडीपीओ अमर कुमार पांडे के हाथों 15 हजार रुपये परिवार वालों को प्रदान किया। इधर, पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव को घर ले गए मगर जब तक मुआवजा की बात लिखित में नहीं होगी तबतक शव का अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़ गए। थाना के माध्यम से फोर्स भेजकर शव को सोमवार को ही दफनाने का परिजनों पर दबाव बनाने की कोशिश की गई मगर परिजनों के दबाव में शव को नहीं दफनाया गया मुआवजा की बात को लेकर परिजन एवं सगे संबंधी एसीसी गेट के बाहर पहुंच गए। हालत को देखते हुए एसीसी प्रबंधन ने मात्र एक ही व्यक्ति को अंदर वार्ता के लिए आमंत्रित किया। लोग इसपर तैयार नहीं हुए और कंपनी गेट के बाहर ही डटे रहे। काफी देर बाद चार लोगों, भतीजा संजय गोप, पंचायत समिति सदस्य जोड़ापोखर रघुनाथ गोप, झीकपानी कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष चंद्रमोहन गोप, टोंटो कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष स्माइल दास वार्ता के लिए अंदर गए। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में एसीसी प्रबंधन से मुआवजा की बात हुई मगर देर रात तक कोई हल नहीं निकला।