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पश्चिमी सिंहभूम में सिविल सर्जन पर गलत ढंग से लाइसेंस देने का आरोप, हाईकोर्ट ने जिले के कई क्लीनिक पर लगाई रोक

हाईकोर्ट ने पश्चिमी सिंहभूम जिले में तत्कालीन सिविल सर्जन द्वारा 47 अल्ट्रासाउंड क्लीनिक को दिए गए लाइसेंस के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका याचिका पर सुनवाई करते हुए जिले के कई क्लीनिक के लाइसेंस पर रोक लगा दी है।

By Manoj SinghEdited By: Mohit TripathiPublished: Mon, 20 Mar 2023 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 06:14 PM (IST)
पश्चिमी सिंहभूम में सिविल सर्जन पर गलत ढंग से लाइसेंस देने का आरोप, हाईकोर्ट ने जिले के कई क्लीनिक पर लगाई रोक
तत्कालीन सिविल सर्जन पर गलत ढंग से लाइसेंस देने का आरोप।

राज्य ब्यूरो, रांची: हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने सोमवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले में तत्कालीन सिविल सर्जन की ओर से 47 अल्ट्रासाउंड क्लीनिक को दिए गए लाइसेंस और आयुष्मान योजना के तहत संबद्ध अस्पतालों के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने अल्ट्रासाउंड क्लीनिक को दिए गए लाइसेंस पर रोक लगा दी है।

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गलत तरीके से दी गई मान्यता पर लगाई रोक

अदालत ने आयुष्मान योजना के तहत गलत तरीके से अस्पतालों को दी गई मान्यता पर भी रोक लगाई है। अदालत ने मामले में तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को निर्धारित की गई है। इस संबंध में कुमार मनीष ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।

सेवानिवृत्ति के तीन दिन पहले इन क्लीनिक को दिए थे लाइसेंस

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार और श्वेता कुमारी ने अदालत को बताया कि पश्चिमी सिंहभूम के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद ने 2020 में 47 अल्ट्रासाउंड क्लिनिक को लाइसेंस दिया था। जबकि लाइसेंस देने का अधिकार उपायुक्त के पास होता है।

सिविल सर्जन ने सेवानिवृत्ति के तीन दिन पहले इन क्लीनिक को लाइसेंस प्रदान कर दिया जबकि कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने लाइसेंस देने पर रोक लगाई थी।

आयुष्मान योजना के तहत गलत तरीके से संबद्धता भी प्रदान की

सिविल सर्जन ने आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों को भी गलत ढंग से संबद्धता प्रदान कर दी थी, जिसमें नियमों का पालन नहीं किया गया था। इन अस्पतालों को करीब 24 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। सिविल सर्जन की संपत्ति की भी जांच की जाए।

प्रतिवादी बनाए गए क्लीनिक के संचालन पर कोर्ट ने लगाई रोक

अदालत ने याचिका में प्रतिवादी बनाए गए क्लीनिक के संचालन पर रोक लगा दी है। साथ ही अन्य क्लीनिक को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है। वहीं, उन अस्पतालों को भी प्रतिवादी बनाने को कहा है, जिन्हें सिविल सर्जन ने आयुष्मान योजना के तहत संबद्धता प्रदान की है।


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