जल मनुष्य जीवन के लिए प्रकृति का निश्शुल्क उपहार : रोशन डांग
पेटेता उत्क्रमित मिडिल स्कूल प्रधान शिक्षक रोशन डांग ने कहा कि मनुष्य जीवन के लिए जल प्राकृति की निश्शुल्क उपहार है। जिसे मनुष्य व पशु पक्षी से लेकर जीव जंतु व पेड़-पौधे को आसानी से मिल जाता है।
संवाद सूत्र, नोवामुंडी : पेटेता उत्क्रमित मिडिल स्कूल प्रधान शिक्षक रोशन डांग ने कहा कि मनुष्य जीवन के लिए जल प्राकृति की निश्शुल्क उपहार है। जिसे मनुष्य व पशु पक्षी से लेकर जीव जंतु व पेड़-पौधे को आसानी से मिल जाता है। पानी के बिना हमारे दिन की कल्पना करना असंभव है। वो शनिवार को जागरण जल सैनिकों को जल संग्रह विषय को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। बताया कि हर कदम पर इसे हमारी सरकार और अन्य जागरुकता पैदा करने वाले संगठनों के पास समय है। वे हमें जल संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करने का प्रयास करते हैं। ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा हम अपने दैनिक जीवन में पानी बचा सकते हैं। फिर भी हम समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाएंगे तो जल्द ही हमें बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ जाएगा। हम सभी जानते हैं कि मनुष्य पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता है। लोग जान-बूझ कर जरूरत से अधिक पानी को बेवजह बर्बाद कर देते हैं।हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पृथ्वी को बचाने के लिए हमें पानी बचाने की जरूरत है। बताया कि स्कूल स्तर पर गठित जागरण जल सेनाओं को सबसे पहले पौधरोपण करने की जरूरत है। प्रत्येक छात्र साल में स्कूल परिसर पर दस पौधे अवश्य रोपकर पर्यावरण को हरा-भरा करने का संकल्प लेना होगा। अभियान को मंजिल तक पहुंचाने के लिए घर लौटने के बाद अपने माता-पिता के आलावा आस पड़ोस के लोगों को प्रेरित करना होगा। समय और जगह के अनुरूप जल संरक्षण के लिए सोख्ता गड्ढे भी तैयार कर लोगों को जानकारी देना जागरण जल सेनाओं का दायित्व बनता है। केवल स्कूल स्तर पर जागरण जल सेना गठित कर देने मात्र से जल संग्रह औपचारिकता पूरी नहीं हो जाती है। मौके पर जागरण जल सेना माईकल पुरती, मंगल सिंह पुरती, अशोक पान, अमित सिरका, तेनसिंह सिरका, फ्रांसिस पुरती, अनिता मुंडा, मनीषा पुरती, दुलारी माझी व बालेमा गोप उपस्थित थे।