पानी की रक्षा को पश्चिमी सिंहभूम में तैयार हो रहे तीन हजार जागरण जल सेना
मो. तकी चाईबासा पश्चिम सिंहभूम जिले के सौ स्कूलों में जागरण जल सेना का गठन कर दिया गया ह
मो. तकी, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले के सौ स्कूलों में जागरण जल सेना का गठन कर दिया गया है। जिससे जल संचयन के दिशा में बहुत सहायक होने वाला है। जिस प्रकार विश्व में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है, इससे बचाव का एक ही उपाय है जल का संरक्षण। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर शिक्षा विभाग कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसके लिए स्कूलों में जागरण जल सेना का गठन किया गया है। इन जल सेना के द्वारा स्कूल व स्कूल के बाहर अपने घरों में जल बचाने के बारे लोगों को जागरूक करेंगे। सौ स्कूल में एक हजार बच्चों की सेना तैयार हुआ हुई है, अन्य स्कूलों में जल सेना का गठन किया जा रहा है। 200 से अधिक स्कूलों में इसका गठन होने पर एक बड़ी टीम तैयार होगी। जिनके द्वारा जल के महत्व व उनके बचाव के तरीके बारे विस्तार से स्कूलों में अपने साथियों को जानकारी देंगे। साथ ही वह अपने स्तर से स्कूल में पानी की बर्बादी को भी रोकेंगे। इसके अलावा स्कूलों में सोकपीट का निर्माण आदि किया जा रहा है। इस संबंध में दैनिक जागरण से बात करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रदीप कुमार चौबे ने कहा कि पानी की उपलब्धता दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। यह हम सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में महसूस भी किया है। अब आवश्यकता है कि हम सभी मिलकर छोटे-छोटे प्रयास करके पानी का संरक्षण करें। इसके लिए जिले के सभी स्कूलों को जल संरक्षण के संबंध में निर्देश दिया गया है। जिससे हम अपने प्रयास से पानी की कुछ बचत कर सकते हैं।
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प्रश्न : जल संरक्षण की दिशा में शिक्षा विभाग क्या काम कर रही है।
- वर्तमान समय में सबसे ज्यादा किसी चीज की जरुरत है तो वह है पानी। पूरे विश्व में पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके लिए प्रयास भी किया जा रहा है, लेकिन हम वर्तमान को देखकर जी रहे हैं। आने वाला कल की स्थिति बहुत ही दयनीय होने वाली है। 20 साल पीछे जाने पर पता चलता था कि हमारा भू-जल स्तर कितना बेहतर था, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है। इसी को लेकर शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिला के सभी स्कूलों में जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। वहीं पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जिला के सौ से अधिक स्कूलों में जागरण जल सेना का गठन कर दिया गया है। जो पानी बचाने का कार्य करेंगे। इसके अलावा स्कूलों में सोकपीट, सोख्ता आदि का निर्माण भी किया जा रहा है। जिससे हम सभी मिल कर जल संरक्षण की दिशा में अच्छा पहल कर सके।
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प्रश्न : स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
- जल संरक्षण के लिए शिक्षा विभाग सबसे सक्रिय है। जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण पहले स्तर में जिला के बड़े स्कूलों में शुरु किया जायेगा। कई स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम चल भी रहा है। इससे हम पानी की कमी को कुछ हद तक मुक्त हो सकते हैं। कई बार तो ऐसा देखने में आया है इस तकनीक से इतना जल एकत्र हो जाता है कि दूसरे स्त्रोत की आवश्यकता ही नहीं पड़ती है और उस स्थान पर पानी की उपलब्धता सालों भर रहती है। इस बात के पर्याप्त सबूत है कि अपनी आवश्यकता का सारा पानी हम विद्यालय की छत पर एकत्र वर्षा जल से हासिल कर सकते हैं। स्कूलों की छतों पर वर्ष जल संग्रहण आज के दौर में एक बहुत जरुरी काम हो गया है। इसलिए जल्द ही सभी स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए जाने पर कार्य किया जाएगा। जिससे वर्षा जल को संरक्षित कर हम भू-जल स्तर को बेहतर कर सकते हैं।
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प्रश्न : विद्यालय स्तर पर जल संरक्षण के लिए क्या कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।
- जल संरक्षण हम सभी को मिल कर एक अभियान के रुप में करना चाहिए। इसके लिए कल बनाएं, चलो चल बचाएं अभियान विद्यालय स्तर पर किये जा रहे हैं। इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में जल बचाने के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि, मुखिया आदि की सहभागिता विशेष रुप से रहेगी। कल बनाने के लिए हमें जल बचाना आवश्यक है। इसलिए स्कूलों में बच्चों के साथ विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारी व सदस्य, अभिभावक मौजूद रहेंगे। उन लोगों को जल के महत्व के बारे विस्तार से जानकारी दिया जायेगा। जब तक लोगों में पानी बचाने के लिए जागरुकता नहीं आयेगी, तब तक हम किसी कार्य में सफल नहीं हो सकते हैं। जल संरक्षण के महत्व को लोगों को समझना होगा, तभी हम अपने मकसद में कामयाब हो सकते हैं।
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प्रश्न : दैनिक जागरण के अभियान कितना-कितना पानी चला रही है। इसमें शिक्षा विभाग का कितना योगदान रहेगा।
- शिक्षा विभाग जल संरक्षण की दिशा में सबसे सक्रिय होकर कार्य कर रही है। दैनिक जागरण के द्वारा भी जल बचाने के लिए कितना-कितना पानी चलाया जो काफी महत्वपूर्ण था। इसमें जागरण ने जिले के जल स्त्रोतों को प्रमुखता से छापा, जिसमें यह बताया गया कि तालाब, डोभा, कुंआ, जल स्त्रोत का संरक्षण नहीं करने से हम भविष्य में बहुत बड़ी परेशानी में पड़ सकते हैं। लोगों तक सबसे तेजी से किसी जानकारी को पहुंचाने के लिए अखबार महत्वपूर्ण माध्यम है। दैनिक जागरण ने जल संरक्षण के लिए अपनी सामाजिक सरोकार के तहत यह कार्य किया है। जिसके द्वारा हम सभी को समय-समय पर जल संरक्षण और जिला के हालत के बारे जानकारी भी मिलती रही। इस प्रकार के कार्यक्रम काफी सराहनीय है।