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लीड----पीपीई किट की खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच शुरू

कोरोना काल में सदर अस्पताल में पीपीई किट की खरीदारी को लेकर हुए फर्जीवाड़ा की जांच शुरू हो गई है। उपायुक्त के आदेश पर गठित दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार को सदर अस्पताल पहुंचकर करीब चार घंटा तक क्रय-विक्रय से संबंधित कागजात खंगाले।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:15 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:15 PM (IST)
लीड----पीपीई किट की खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच शुरू
लीड----पीपीई किट की खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच शुरू

जासं, चाईबासा : कोरोना काल में सदर अस्पताल में पीपीई किट की खरीदारी को लेकर हुए फर्जीवाड़ा की जांच शुरू हो गई है। उपायुक्त के आदेश पर गठित दो सदस्यीय टीम ने मंगलवार को सदर अस्पताल पहुंचकर करीब चार घंटा तक क्रय-विक्रय से संबंधित कागजात खंगाले। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) नीरज कुमार यादव के कार्यालय में रखे कम्प्यूटर को सील कर दिया। डाटा सेल में रखे कम्प्यूटर से साल भर का क्रय-विक्रय से संबंधित डाटा का बैकअप लिया गया। इसके अलावा कोरोना काल में क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेज, बिल विपत्र, संचिकाएं, पीएफएमएस का रजिस्टर समेत अन्य कागजात जब्त कर टीम अपने साल ले गयी है। हेल्थ नोडल एजाज अनवर ने बताया कि कोरोना काल में जितना भी सामान खरीदा गया है, सबकी जांच की जा रही है। जांच का पहला दिन था। क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं। टीम एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप देगी।

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जांच टीम में दो नये सदस्य जुड़े

पीपीई किट खरीद में हुए गड़बड़झाला की पड़ताल करने के लिए उपायुक्त अरवा राजकमल ने हेल्थ नोडल सह एलआरडीसी एजाज अनवर और डा. जगन्नाथ हेम्ब्रम को जिम्मा सौंपा था। चूंकि टीम को सात दिन में अपनी रिपोर्ट डीसी कार्यालय में देनी है इसलिए इस टीम में कार्यपालक दंडाधिकारी गुलाम समदानी और राज्य कर पदाधिकारी देवाशीष कुमार को भी शामिल कर लिया गया है।

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जिला लेखा प्रबंधक ने अभियान निदेशक से की थी गड़बड़ी की शिकायत

डीपीएम यूनिट के जिला लेखा प्रबंधक सुजीत कुमार चौधरी ने 24 सितंबर 2020 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक को पत्र लिखकर यह शिकायत की थी कि 6 अगस्त 2020 को आदित्यपुर की कंपनी इमेज इंडिया को कोविड-19 के संबंध में 1000 पीपीई किट की सप्लाई का आदेश दिया गया था। परंतु आपूर्ति इमेज इंडिया द्वारा नहीं करके नियम विरुद्ध् रांची की आरुषि इंटरप्राइजेज द्वारा की गयी और विपत्र का भुगतान 10.5 लाख रुपये भी आरुषि इंटरप्राइजेज को कर दिया गया। शिकायत पत्र में जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीरज कुमार यादव पर लेखा प्रबंधक के कार्यालय से विपत्र को गायब तथा फाड़ देने का भी आरोप लगया गया। यह पूरा मामला दैनिक जागरण में छपने के बाद उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश जारी किया है।

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डीपीएम नीरज यादव रांची मुख्यालय तलब

पीपीई किट के फर्जीवाड़ा मामले में जांच शुरू होते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीरज कुमार यादव की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के रांची मुख्यालय स्थित कार्यालय में प्रतिनियुक्ति कर दी है। इस संबंध में मंगलवार को अभियान निदेशक ने पत्र जारी करते हुए नीरज कुमार यादव को 24 घंटे के भीतर रांची में योगदान देने के लिए कहा है। इस प्रतिनियुक्ति की सूचना उपायुक्त कार्यालय को देते हुए 3 नवंबर तक कार्यालय को जांच रिपोर्ट समर्पित करने को कहा गया है। मालूम हो कि उपायुक्त अरवा राजकमल ने अभियान निदेशक को पत्र लिखकर नीरज कुमार यादव को चाईबासा से अन्यत्र भेजने की अनुशंसा की थी। कहा था कि नीरज यादव जांच को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए इन्हें यहां से हटा दिया जाये। इसी पत्र के आलोक में नीरज को डेपुटेशन पर रांची बुला लिया गया है।


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