जुर्म साबित हुआ तो 10 साल के लिए जेल जाएंगे तीनों छात्र
जागरण संवाददाता चाईबासा अप्राकृतिक यौनाचार के कारण चाईबासा इंजीनियरिग कॉलेज के प्रथम वर्ष के एक छात्र ने महुलसाई के एक तालाब में कूदकर जान दे दी थी।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : अप्राकृतिक यौनाचार के कारण चाईबासा इंजीनियरिग कॉलेज के प्रथम वर्ष के एक छात्र ने महुलसाई के एक तालाब में कूदकर जान दे दी थी। सुसाइड नोट को आधार बनाकर मामले में पुलिस ने कॉलेज के ही तीन छात्रों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। इनमें मृत छात्र का रूम मेट गढ़वा निवासी सुमित कुमार चौबे, धनबाद निवासी महेश कुमार पंडित और एक नाबालिग छात्र शामिल है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ क्रमश: आत्महत्या के लिए प्रेरित करने, अप्राकृतिक यौनाचार (भादवि की धारा 306, 307 और 506) के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस के अनुसंधान के बाद अगर कोर्ट में इन छात्रों का जुर्म साबित हो गया तो उक्त धाराओं के तहत उन्हें 10 साल तक की सजा होगी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही पुलिस
मामले का अनुसंधान कर रही पुलिस को मृत छात्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। दरअसल अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छात्र की मौत किन परिस्थितियों में हुई। अनुसंधान कर रही झींकपानी व चाईबासा मुफ्फसिल पुलिस का कहना है कि क्योंकि मृतक के परिजनों ने हत्या का अंदेशा जताया है इसलिए यह देख रहे हैं कि छात्र की मौत तालाब में डूबने से हुई है या फिर किसी ने हत्या कर शव तालाब में फेंका है। मौत की वजह और अप्राकृतिक यौनाचार की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही हो पायेगी।
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हैंड राइटिग एक्सपर्ट को भेजा जाएगा सुसाइड नोट
छात्र ने आत्महत्या करने से पहले अपने हाथों से लिखा छह पन्नों का सुसाइड नोट वाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया था। पुलिस को तालाब के पास से मिले छात्र के मोबाइल के कवर के पीछे छिपाकर रखा सुसाइड नोट मिला है। इस सुसाइड नोट में मृत छात्र ने आत्महत्या के लिए रूम मेट सुमित, महेश व एक अन्य छात्र को जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट की सत्यता जांचने के लिए पुलिस हैंड राइटिग एक्सपर्ट की मदद लेगी। सुसाइड नोट की राइडिग को हैंड राइटिग एक्सपर्ट की मदद से मिलान किया जाएगा। राइटिग मिलान हो गया तो तीनों आरोपितों का बचना मुश्किल होगा।
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फोन काल डिटेल भी निकालेगी पुलिस
पुलिस ने मृत छात्र और आरोपितों के मोबाइल जब्त किए हैं। सभी के मोबाइल फोन को टेक्नीकल सेल को अनुसंधान के लिए भेजा गया है। मोबाइल से कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) और बातचीत की रिकार्डिंग निकलवाकर की जांच की जाएगी।
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सभी पहलुओं की जांच गंभीरता से हो रही है। पूरे प्रकरण का गहन अनुसंधान करने के लिए संबंधित थाना को कहा गया है।
इंद्रजीत माहथा, पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम