Lok Sabha Election 2019 : सिंहभूम में बूथ मैनेजमेंट बनेगा हार-जीत का असली फैक्टर
Lok Sabha Election 2019. गिलुवा और कोड़ा एक-दूसरे के करीब रहे हैं इसलिए एक-दूसरे की खूबियों और कमजोरियों से वाकिफ हैं। इस कारण मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
आई मुकेश, जमशेदपुर । Lok Sabha Election 2019 सिंहभूम सीट से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के मुकाबले कभी उनके करीबी रहे मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा कांग्रेस के टिकट पर खड़ी हैं। असल में गीता नहीं मधु कोड़ा ही चुनाव लड़ रहे हैं। चूंकि गिलुवा और कोड़ा एक-दूसरे के करीब रहे हैं, इसलिए एक-दूसरे की खूबियों और कमजोरियों से वाकिफ हैं। इस कारण मुकाबला दिलचस्प हो गया है। दोनों एक-दूसरे को दांव देने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में बूथ मैनेजमेंट ही हार-जीत में असली फैक्टर बनेगा।
सिंहभूम लोकसभा में आने वाले छह विधानसभा क्षेत्र में झामुमो के पांच विधायक हैं, लेकिन मनोहरपुर की विधायक जोबा माझी को छोड़कर कोई भी अभी तक प्रचार के लिए सड़क पर नहीं उतरा है। वैसे पूरे संसदीय क्षेत्र में केंद्र की उज्ज्वला, उजाला, पीएम आवास जैसी योजनाओं के कारण मोदी की पहुंच पहाड़ पर बसे 10 परिवार वाले गांवों तक है। लेकिन राहुल गांधी के 'अब होगा न्यायÓ और गरीब परिवार को हर साल 72 हजार की चर्चा बड़ी जनसंख्या वाले गांवों में भी नहीं है। यह गिलुवा को राहत देने वाला है तो कोड़ा अपनी पहचान की बदौलत इसका प्रभाव कम करने में जुटे हैं।
भाजपा उम्र या अन्य वजहों से हाशिए पर चल रहे पुराने सक्रिय सदस्यों का सहयोग पाने की कोशिश में है। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अधिक से अधिक वोटिंग सुनिश्चित करने में जुटे हैं। दूसरी ओर, कोड़ा पुराने संबंधों को खंगाल भाजपा में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। झामुमो के परंपरागत वोटों को पंजा पर गिराने के लिए उसके कार्यकर्ता पोलिंग एजेंट बनाए जा रहे हैं।
चाईबासा सदर विधानसभा
क्षेत्र के शहरी इलाके में मोदी फैक्टर हावी है। उनकी सभा का फायदा गिलुवा को मिलना तय है। वहीं सटे ग्रामीण इलाके में भाजपा कार्यकर्ता सक्रिय हैं। कोड़ा के लिए बड़ी चुनौती झामुमो को साधना है। चुनाव में हफ्ते भर का समय है अभी तक झामुमो विधायक दीपक बिरुवा मीटिंग-सीटिंग से आगे नहीं बढ़े हैं। हालांकि चाईबासा नगर परिषद के अध्यक्ष मिथलेश कुमार ठाकुर उर्फ मुन्नू ठाकुर कोड़ा के साथ मेहनत कर रहे हैं। यहां अभी तक झाममो और झाविमो का झंडा ही कांग्रेस के साथ है। नेताओं और कार्यकर्ताओं को सक्रिय होना बाकी है।
जगन्नाथपुर विधानसभा
क्षेत्र में तो मधु कोड़ा अकेले ही काफी हैं। उनकी पत्नी व प्रत्याशी गीता कोड़ा यहीं की विधायक हैं। यहां भाजपा का कंपेन नोवामुंडी और किरीबुरू जैसे शहरी क्षेत्रों तक सीमित है। मधु कोड़ा के करीबियों ने कमान संभाल रखी है।
मझगांव विधानसभा
क्षेत्र में भाजपा ने 2009 के लोकसभा चुनाव में निर्दल मधु कोड़ा के चुनाव एजेंट रहे आदित्यपुर नगर निगम के मेयर बिनोद श्रीवास्तव को मोर्चे पर लगाया है। अब उनकी असली परीक्षा है। उन्हें भाजपा ने मझगांव और मनोहरपुर में हाशिए पर चल रहे पुराने लोगों को सक्रिय करने की जिम्मदारी सौंपी है। इनकी निष्ठा की भी परख होनी है। दूसरी ओर झामुमो विधायक निरल पुरती अभी तक प्रचार में शामिल नहीं हुए हैं, हां मीटिंग जरूर कर रहे हैं। मधु कोड़ा ने पिछला विधानसभा चुनाव यहां से लड़ा था और दूसरे स्थान पर थे। ऐसे में मधु कोड़ा अपने दम पर जुटे हैं।
मनोहरपुर विधानसभा
क्षेत्र में कोड़ा को स्थानीय झामुमो विधायक जोबा माझी का सक्रिय सहयोग मिल रहा है। जोबा की पकड़ पूरे विधानसभा क्षेत्र पर है। पति देवेंद्र माझी की विरासत संभाल रही हैं। वे पूरे मनोयोग से लोगों को पंजा पर बटन दबाने के प्रेरित कर रही हैं। यहां भाजपा की ओर से बिनोद श्रीवास्तव मोर्चे पर हैं। उनके सहयोग के लिए पीछे से स्वयंसेवक तैनात हैं।
चक्रधरपुर विधानसभा
यह क्षेत्र भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा का गृह क्षेत्र है। यहां उनकी पकड़ भी है। उन्होंने प्रचार से लेकर बूथ मैनेजमेंट तक की कमान अपने करीबियों को सौंप रखी है। लगातार नजर रखे हुए हैं। अगर विरोधी कैंप की बात करे तो स्थानीय झामुमो विधायक शशिभूषण सामड 'साथ हैं भी, नहीं भीÓ की तर्ज पर बेहद सक्रिय हैं। हालांकि उनकी भरपाई भाजपा से घर वापसी करने वाले पूर्व विधायक सुखराम उरांव पूरी कर रहे हैं। दरअसल गिलुवा से उनकी व्यक्तिगत खुन्नस है। उनका मानना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में गिलुवा की निष्क्रियता का कारण भाजपा के टिकट पर खड़ी उनकी पत्नी नौंवी उरांव हार गई थी।
सरायकेला विधानसभा
क्षेत्र में कांग्रेस, झामुमो और भाजपा तीनों की सांगठनिक संरचना है। भाजपा का पूरा तंत्र सक्रिय है। संघ का बराबरी का साथ मिल रहा है। भाजपा नेता अपने प्रदेश अध्यक्ष को बड़ी लीड दिलाने का दावा कर रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में गिलुवा को यहां से बढ़त मिली थी। दूसरी ओर स्थानीय झामुमो विधायक चंपई सोरेन जमशेदपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में पूरा झामुमो जमशेदपुर में सक्रिय है। यहां कोड़ा के प्रचार की कमान पाटी कैडर पर है। गीता कोड़ा और मधु कोड़ा आते-जाते रहते हैं। कोड़ा पूर्व के संबंधों की दुहाई देकर भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं को तोडऩे का प्रयास कर रहे हैं।
भाजपा का प्लान
- पुराने सक्रिय सदस्यों को दोबारा मुख्य धारा में लाने की मुहिम तेज
- संघ के स्वयंसेवक काउंसलिंग में जुटे, वोट देने की कर रहे अपील
कोड़ा नीति
- पुराने संबंधों को खंगाल भाजपा में सेंध लगाने की कोशिश
- झामुमो के परंपरागत वोटों के लिए कार्यकर्ता बनाए जा रहे एजेंट
भाजपा की चुनौती
- कार्यकर्ताओं को तोडऩे की कोड़ा की रणनीति को असफल करना
- शहरी इलाके में वोटरों को बूथ तक लाना बड़ी चुनौती
कांग्रेस की चुनौती
- जोबा व सुखराम डटे, बाकी झामुमो विधायक मीटिंग तक ही सीमित
- तीर-धनुष के वोट को पंजा छाप पर गिरवाने की चुनौती
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