नैक के टेस्ट में ज्ञानचंद जैन कॉमर्स कॉलेज फेल
ज्ञान चंद जैन कॉमर्स कॉलेज को नैक में ग्रेड डी दिया गया है इसका अर्थ है कि कॉमर्स कॉलेज को नैक के द्वारा डी ग्रेड कर दिया गया और नैक कि और से फिर से आवेदन करने को कहा गया है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : ज्ञान चंद जैन कॉमर्स कॉलेज को नैक में ग्रेड डी दिया गया है इसका अर्थ है कि कॉमर्स कॉलेज को नैक के द्वारा डी ग्रेड कर दिया गया और नैक कि और से फिर से आवेदन करने को कहा गया है। नैक कराने के लिए जो विश्वविद्यालय द्वारा तीन लाख रुपया दिया गया था वह भी डूब गया। नैक द्वारा यह बताया गया कि स्टूडेंट फीड बैक में अधिकतम मार्क्स था और स्टूडेंट्स के मेल आइडी जो महाविद्यालय द्वारा दी गई थी वह अधिकतम फेक थी। एसएसआर की जो रिपोर्ट महाविद्यालय द्वारा दी गई थी वह भी भ्रामक थी। महाविद्यालय में नैक करवाने के लिए प्राचार्य के रूप में डॉ. राम प्रवेश प्रसाद को भेजा गया था। उन्होंने भी एसएसआर रिपोर्ट को नजरअंदाज किया। ज्ञात हो कि इस महाविद्यालय के दो पूर्व प्राचार्य भी नैक जांच में पास नहीं होने के कारण हटाए गए। अब ये जो रुपये डूब गए हैं उसका जिम्मेदार कौन है। नैक ने डी ग्रेड दिया जिससे अब पांच वर्षों तक कॉलेज को कोई भी फंड सरकार से प्राप्त नहीं होगा। आखिर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है। क्या प्राचार्य इसकी जिम्मेदारी लेंगे या नोडल अधिकारी इसकी जिम्मेदारी लेंगे। यहां केवल एक ही संकाय कॉमर्स की पढ़ाई होती है यदि सही से नैक जांच की तैयारी की जाती तो इस महाविद्यालय को ए ग्रेड मिल सकता था। कोल्हान विश्वविद्यालय के जितने भी महाविद्यालय में नैक जांच हुई किसी को नैक के द्वारा डी ग्रेड नहीं मिला जबकि सभी महाविद्यालय इस महाविद्यालय से बड़े थे। बगल के टाटा कॉलेज को भी डी ग्रेड नहीं मिला।