दूरदर्शन दिखाएगा कुपोषण को हराने वाली झारखंड की बेटी फूलमती की सक्सेस स्टोरी
यूनिसेफ के सहयोग से तैयार हुई सात माह में जन्मी बच्ची की सक्सेस स्टोरी, कैसे सहिया व कुपोषण केंद्र ने बनाया स्वस्थ।
सुधीर पांडेय, चाईबासा। सात माह में ही जन्म लेने वाली एक साल दो माह की फूलमती कुपोषण को हराकर स्टार बन गई है। फूलमती की सक्सेस स्टोरी बहुत जल्द आपको दूरदर्शन पर दिखाई जाएगी।
शिशु फूलमती की कुपोषण से संबंधित सक्सेस स्टोरी यूनिसेफ और दूरदर्शन के सहयोग से झारखंड से चुनी गई है। इसमें यह दिखाया जाएगा कि किन परिस्थितियों में फूलमती का जन्म कुपोषण प्रभावित झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के खूंटपानी में हुआ।
कैसे गांव की सहिया और खूंटपानी में संचालित कुपोषण केंद्र ने लगातार इलाज कर उसे स्वस्थ बना दिया। प्रखंड के गोटाई गांव निवासी नरसिंह हाईबुरू की बेटी फूलमती का 13 जून 2017 को घर में प्रसव के बाद समय से पूर्व सात माह में ही जन्म हो गया था। जन्म के समय बच्ची का वजन मात्र 900 ग्राम था। चार जुलाई 2017 को सहिया व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ग्यासुद्दीन ने शिशु को सदर अस्पताल के कुपोषण चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया। उस समय उसका वजन 1.77 किलो था। कुपोषण केंद्र में इलाज के दौरान बच्ची का वजन बढ़ता गया और वो स्वस्थ्य होने लगी।
लगातार 10 दिन के इलाज के बाद बच्ची के स्वस्थ्य होने पर उसे घर भेज दिया गया। घर पर सहिया शकुंतला हाईबुरू ने लगातार बच्ची की निगरानी की। वह माता-पिता को फूलमति के खान-पान से संबंधित सलाह देती। मां ने पूरे जतन से बच्ची का पालन-पोषण किया और देखते ही देखते फूलमती का वजन बढऩे लगा। फूलमती की मां ने बताया कि बेटी जब छह माह की हो गई तब आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाला पोषाहार दाल-चावल, सब्जी और ऊपरी आहार दिया। देखते ही देखते बच्ची पूरी तरह सामान्य हो गई।