कुत्ते ने पिता-पुत्री को काटा, पिता का मानसिक संतुलन बिगड़ा
आनंदपुर प्रखंड के सुदूर क्षेत्र के गुल्लू गांव में रेबीज बीमारी से संक्रमित एक व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ने का मामला प्रकाश में आया है।
संवाद सूत्र, मनोहरपुर : आनंदपुर प्रखंड के सुदूर क्षेत्र के गुल्लू गांव में रेबीज बीमारी से संक्रमित एक व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ने का मामला प्रकाश में आया है। गुल्लू गांव के पहान टोला निवासी 55 वर्षीय दिलीप टूटी को दस दिन पूर्व एक पागल कुत्ते ने नाखून से नोंचा था। जबकि एक सप्ताह पूर्व दिलीप की पांच वर्षीय बेटी बहमनी टूटी को पागल कुत्ते ने काट लिया था। जिसके बाद वे गांव में ही झाडफूंक करा रहे थे। बीते दो दिनों से दिलीप के रहन- सहन व बर्ताव में परिवार वालों को बदलाव देखने को मिला। दिलीप के बेटे ने बताया कि उसके पिता काफी विचलित दिख रहे थे और परिजनों से बातचीत करना बंद कर दिया था। जबकि शुक्रवार को वो घर के आस पास दौड़ रहे थे और काफी अजीब हरकतें कर रहे थे। जबकि दिलीप की बेटी बहमनी टूटी सामान्य है, जिसकी सूचना उसने स्वास्थ्य विभाग को दी। इसके बाद शनिवार को डा. उत्पल मुर्मू के नेतृत्व में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंच कर दिलीप व उसकी बेटी बहमनी को एंबुलेंस से इलाज से इलाज के लिए मनोहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है।
इधर चिकित्सक उत्पल मुर्मू ने बताया कि व्यक्ति को इलाज के लिए हास्पिटल लाया गया है। कुत्ता काटने के दस दिन के अंदर किसी व्यक्ति में रेबीज का सिम्टम्स नहीं आता है। कुत्ता काटा हुआ व्यक्ति अगर इलाज नहीं कराता है, तो उसमें संक्रमित होने का असर तीन माह में दिखाई देने लगता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी बीमारी से आप ग्रस्त हैं या फिर किसी जंगली जानवर तथा रेंगने वाले जानवर या सांप ने काट लिया, तो आप सबसे पहले अस्पताल आकर इलाज कराएं।