सरना धर्म में लौटे तीन परिवार
सरना धर्म से इसाई धर्म में धर्मांतरण किए तीन परिवार लौटकर अपने घर सरना धर्म में आ गए।
संवाद सूत्र, नोवामुंडी : सरना धर्म से इसाई धर्म में धर्मांतरण किए तीन परिवार लौटकर अपने घर सरना धर्म में आ गए। गांव के दिउरी रोया सुरेन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान तीनों परिवार से मोहन सुरेन, मुनी सुरेन, सोनिया सुरेन, गोरबारी सुरेन, लंका लोहार, सोमबारी सुरेन को आदिवासी सांस्कृति परंपरा के अनुरूप समूचे विधि-विधान के साथ अपने धर्म में शामिल कर लिया गया। दरअसल गांवगुटू गांव में लगभग 35 सरना परिवार वाले समुदाय हैं। जिसमें से लगभग 24 परिवार कुछ समय पूर्व सरना धर्म को छोड़कर इसाई धर्म में शामिल हो गए। गांव भर में केवल 11 परिवार सरना धर्म में बच गए थे। शनिवार को दुर्गा चरण देवगम की उपस्थिति में आयोजित बैठक में बताया गया कि आने वाले समय में धर्म परिवर्तन किए और भी परिवारों के सरना धर्म में लौटने के संकेत मिल रहे हैं। बैठक में शंकर बोबोंगा, दुंबी सुरेन, देबेन्द्रनाथ देवगम, गुरा लोहार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
मोहन सुरेन ने किया कई खुलासा
गांवगुटू के मोहन सुरेन ने सरना धर्म में लौटने के बाद ईसाइ धर्म प्रचार के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले प्रलोभन को सार्वजनिक करते हुए बताया कि सबसे पहले अपने धर्म में शामिल करने के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य-चिकित्सा व आर्थिक सहयोग का भरोसा दिया जाता है। प्रत्येक रविवार को चर्च में उपस्थिति अनिवार्य है। सभी को साप्ताहिक 50 रुपये फंड में जमा करना पड़ता है। पैसे नहीं जमा करने पर आर्थिक दंड भी भरना पड़ जाता है। बीमारी के समय प्रार्थना करके स्वास्थ्य लाभ दिलाने का आश्वासन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हम गरीब परिवार से हैं। सप्ताह में चर्च जाने का समय नहीं है। वहां फंड में देने के लिए पैसे भी नहीं हैं। परिवार के नाम से काफी पैसे बकाया हो गया है। इसी को लेकर लौटकर अपने घर में रहना ही उचित समझा।
सरना धर्म में लौटने वाले को मिल रही है धमकी
ग्रामीणों ने बताया कि सरना धर्म छोड़कर ईसाइ धर्म में लौटने की तैयारी कर रहे अन्य परिवारों को धमकी मिल रही है। इसी को लेकर वे लोग सहमे हुए हैं। आने वाले समय में धीरे-धीरे धर्मांतरण कर चुके अन्य परिवारों के भी आने की उम्मीद जताई जा रही है।