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फसल हो या सब्जी बुआई लाइन से होनी चाहिए : केपी वर्मा

संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : टीएसआरडीएस और कृषि विज्ञान केंद्र जगन्नाथपुर द्वारा दो दिवसीय रबी कृषि प्रशिक्षण सह प्रक्षेप भ्रमण का कार्यक्रम हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 11:53 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 11:53 PM (IST)
फसल हो या सब्जी बुआई लाइन से होनी चाहिए : केपी वर्मा
फसल हो या सब्जी बुआई लाइन से होनी चाहिए : केपी वर्मा

संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : टीएसआरडीएस और कृषि विज्ञान केंद्र जगन्नाथपुर द्वारा दो दिवसीय रबी कृषि प्रशिक्षण सह प्रक्षेप भ्रमण का कार्यक्रम हुआ। प्रशिक्षण में रबी कृषि के तहत फसल, सब्जी व बागवानी की जानकारी किसानों को दी गई। प्रशिक्षण में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई कि गेहूं की कृषि 40-50 किलो, मसूर 12 किलो, सरसो 2 किलो एवं तीसी 10 किलो प्रति एकड़ की दर से बुआई कर किसान लाभ कमा सकते हैं। सलाह दी गई कि गोबर व रासायनिक खाद्य का कृषि कार्य में प्रयोग करें। किसान ¨सचाई का ध्यान रख खरपतवार को मुख्य फसल के रूप से न पनपने दे। नहीं तो फसल के पोषक तत्व खत्म हो जाएंगे। इस अवसर पर टीएसआरडीएस के कृषि पदाधिकारी केपी वर्मा ने बताया कि फसल हो या सब्जी बुआई लाईन से होनी चाहिए। इसके साथ ही अच्छे किस्म के बीजों का चुनाव करना भी जरुरी है। विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण में किसानों को रबी फसल के सिचाई एवं किटों के बचाव संबंधित जानकारी दी। प्रशिक्षण के दूसरे दिन किसानों को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया। कृषि विज्ञान केंद्र में सघन बागवानी कार्यक्रम के तहत किये गये पौधरोपण को देख किसान काफी प्रभावित हुए। प्रशिक्षक के रुप में केविके के वैज्ञानिक डा. प्रमोद कुमार, सम्मी ¨कडो आदि ने भी योगदान दिया। प्रशिक्षण में गुण्डीजोडा, मेरालगाडा, बनाईकेला, ध्रुवाडीह सहित जगन्नाथपुर व नोवामुण्डी प्रखण्ड के शामिल किसान शामिल हुए।

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