मरीजों ने साझा की कोविड अस्पताल की दिनचर्या
क्षेत्र के युवाओं में वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान अजब-गजब उत्साह देखने को मिला।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : क्षेत्र के युवाओं में वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान अजब-गजब उत्साह देखने को मिला। प. सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर का एक युवक ऐसा ही उत्साह लेकर मुंबई से अपने गांव पैदल चलकर ही पहुंच गया। जी हां, यह युवक यहां आने के बाद जांच में कोरोना संक्रमित पाया गया और उसे जगन्नाथपुर से इलाज के लिए चक्रधरपुर स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल से इलाज पूरा होने एवं स्वस्थ होने के बाद विदाई समारोह में युवक ने मीडिया से आपबीती साझा की। युवक ने बताया कि वह और उनके चार दोस्त मुंबई में वेल्डिंग का कार्य करने गए थे। कोरोना संकट उत्पन्न होने से काम ठप हो गया और ठेकेदार ने पैसे के साथ ही कुछ भी देना बंद कर दिया। इसके बाद सभी पैदल ही अपने गांव को निकल पड़े। आने के लिए कहीं किसी तरह की मदद नहीं मिली। 16 दिन रात-दिन पैदल यात्रा करने के बाद सभी गांव पहुंचे। यहां पहुंचने एवं जांच के बाद 21 जून को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए आनंदपुर के युवक ने इलाज के बाबत पूछे जाने पर बताया कि हमें इलाज में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। दिनचर्या सामान्य ही रही। दो वक्त सुबह शाम दवा दी जाती थी। खांसी के लिए सिरप पीने को दी जाती थी। गर्म पानी पीने को दिया जाता था। दो वक्त भोजन, जबकि एक समय नाश्ता परोसा जाता था।