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बंद पड़ी रोरो खदान के मजदूरों को भविष्य निधि का भुगतान का निर्देश

पश्चिम ¨सहभूम के खूंटपानी प्रखंड अंतर्गत बंद पड़ी रोरो खदान के समतलीकरण एवं खदान आरंभ होने से पूर्व की स्थिति में उस क्षेत्र को लाने हेतु पौधारोपण एवं पर्यावरण में सुधार के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए फैसले एवं झारखंड सरकार को दिए गए निर्देश के आलोक में आठ फरवरी को मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक आवश्यक बैठक सचिवालय, रांची में की थी। बैठक में पर्यावरण एवं वन विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग एवं विभिन्न विभागों के उच्च पदाधिकारियों के साथ पश्चिम ¨सहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल भी उपस्थित थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 08:56 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 08:56 PM (IST)
बंद पड़ी रोरो खदान के मजदूरों को भविष्य निधि का भुगतान का निर्देश
बंद पड़ी रोरो खदान के मजदूरों को भविष्य निधि का भुगतान का निर्देश

जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिम ¨सहभूम के खूंटपानी प्रखंड अंतर्गत बंद पड़ी रोरो खदान के समतलीकरण एवं खदान आरंभ होने से पूर्व की स्थिति में उस क्षेत्र को लाने हेतु पौधारोपण एवं पर्यावरण में सुधार के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए फैसले एवं झारखंड सरकार को दिए गए निर्देश के आलोक में आठ फरवरी को मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक आवश्यक बैठक सचिवालय, रांची में की थी। बैठक में पर्यावरण एवं वन विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग एवं विभिन्न विभागों के उच्च पदाधिकारियों के साथ पश्चिम ¨सहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल भी उपस्थित थे। बैठक में एसबेस्टस से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिनियुक्त कमिश्नर श्रीधरन ने कई ¨बदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खदान मालिकों ने नियमों का उल्लंघन कर खदान बंद कर दिया और वहां कार्यरत मजदूरों को मजदूरी के साथ-साथ उनके भविष्य निधि की राशि का भी भुगतान नहीं किया। भवष्यिनिधि भुगतान हेतु बिंदराय इंस्टीच्यूट फॉर रिसर्च स्टडी एंड एक्शन, चाईबासा के द्वारा आवेदकों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई है। एसबेस्टस के डस्ट का खेतों में फैलाव होने से कृषि भूमि बंजर हो गई है। वहां के लोग लाइलाज बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं जो टीबी और कैंसर की तरह होता है। साथ ही पर्यावरण बेहद भयावह हो गया है। उपायुक्त ने बताया कि भविष्यनिधि के भुगतान के लिए आवेदकों की सूची तत्कालीन कंपनी हैदराबाद एसबेस्टस सीमेंट लिमिटेड को भेजी गई है ताकि कंपनी से उन्हें भुगतान कराया जाए। वहां के लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी बिरसा के सहयोग से यथाशीघ्र कराकर इलाज का प्रबंध किया जाएगा। मुख्य सचिव ने उच्च स्तरीय टीम अविलंब गठित करने का निर्देश दिया एवं खनन से प्रभावित क्षेत्र में किए जाने वाले विभिन्न योजनाओं के बनाने एवं कार्यान्वयन की प्रक्रिया हेतु बिरसा के साथ-साथ स्थानीय ग्रामसभा के लोगों को भी टीम में शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने सभी विभाग के पदाधिकारियों को एनजीटी के निर्देशों को लागू करने में सहयोग करने का निर्देश दिया। बैठक में जोहार के संयोजक घनश्याम गागराई, बिरसा के समन्वयक कदमा बानरा, उमेश नजीर, बलभद्र होनहोगा और रोरो गांव के बीर ¨सह सुंडी ने हिस्सा लिया था।

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