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''नमो दैव्ये महादैव्ये''-------महिलाओं को स्वावलंबन की ताकत दे रही रासमनी

महिलाओं की आर्थिक स्थिति को देखकर उनको आत्मनिर्भर बनाने की पक्का इरादा करने वाली रासमनी दासव्य कई परिवार की जिदगी को बदल कर रख दी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 09:09 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 05:13 AM (IST)
''नमो दैव्ये महादैव्ये''-------महिलाओं को स्वावलंबन की ताकत दे रही रासमनी
''नमो दैव्ये महादैव्ये''-------महिलाओं को स्वावलंबन की ताकत दे रही रासमनी

मो. तकी, चाईबासा : महिलाओं की आर्थिक स्थिति को देखकर उनको आत्मनिर्भर बनाने की पक्का इरादा करने वाली रासमनी दासव्य कई परिवार की जिदगी को बदल कर रख दी है। वर्तमान में 24 महिला समिति को जन वितरण प्रणाली की दुकान दिला चुकी है। जिससे सैकड़ों परिवारों की स्थिति बेहतर बन गई है। सदर प्रखंड की पुराना चाईबासा की रहने वाली रासमनी भी 2005 से पहले एक आम महिला की तरह जीवन की गाड़ी को खींच रही थी लेकिन एक घटना ऐसी हुई कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का अटल इरादा कर मैदान में कूद गई। रासमनी दासव्या ने कहा कि एक दिन गांव में ही एक बच्चा बीमार हुआ। उसका पति काम करने के लिए बाहर गया हुआ था, पैसे की कमी के कारण बच्चे का तबीयत ज्यादा खराब हो गई। अंत में दूसरे से उधार लेकर उस महिला ने बच्चे का इलाज कराया। उस घटना ने महिला की आर्थिक स्थिति पर सोचने को मजबूर कर दिया। इसके बाद गांव में ही महिला समिति का गठन किया गया। इसके बाद गांव की महिलाओं को समूह बनाने के लिए प्रेरित करते हुए, समूह में जमा पैसे से सदस्यों के बीच लेन-देन की प्रक्रिया शुरू की गई। जिला महिला समिति से जुड़कर महिलाओं को मजबूत करने की तरीका और महिला समूह को बैंक से जोड़कर ऋण दिलाने का काम किया। जिसमें सरकार की ओर से 25 हजार में निमित समय पर बैंक को पैसा वापसी करने पर 10 हजार की छूट दी जाती थी। उसी तरह गांव से निकलकर सदर प्रखंड के सभी पंचायत में महिला समिति से महिलाओं को जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने का प्रयास लगातार करते रहे। सदर प्रखंड के साथ ही तांतनगर, मंझारी, झींकपानी, टोंटो समेत अन्य प्रखंड में भी जाकर महिला समिति बनाने का काम करने लगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 24 महिला स्वयं सहायता समूह को जन वितरण प्रणाली का दुकान मिला हुआ। जिससे सैकड़ों परिवार खुशहाल है, हजारों महिलाएं आत्मनिर्भर होकर अपना परिवार समूह के द्वारा ही चला रही हैं। रासमनी ने कहा कि सदर प्रखंड कार्यालय के पास दाल-भात केंद्र का संचालन समिति के द्वारा कर रहे हैं। जिसमें 12 महिलाओं का परिवार आसानी के साथ चल रहा है। लोगों को सोच बदलने की जरुरत है। क्योंकि सेवा की सोच लाने से ही आत्मशांति प्राप्त होता है।

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