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तालियों की गड़गड़ाहट से हुई गर्व की अनुभूति

संवाद सहयोगी, चाईबासा : राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार लेकर लौटी वार्डेन व विद्यालय की स्व

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 07:11 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 07:11 PM (IST)
तालियों की गड़गड़ाहट से हुई गर्व की अनुभूति
तालियों की गड़गड़ाहट से हुई गर्व की अनुभूति

संवाद सहयोगी, चाईबासा : राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार लेकर लौटी वार्डेन व विद्यालय की स्वच्छता मंत्री का जोरदार तरीके से सदर कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में स्वागत किया गया। मौके पर विद्यालय की बच्चियों में एक अलग ही खुशी देखने को मिली। क्योंकि विद्यालय को राष्ट्रीय स्वच्छता विद्यालय का पुरस्कार मिला है। सफाई अभियान में पूरे विद्यालय के बच्चों का सहयोग रहा। इस संबंध में विद्यालय की वार्डेन विमला बुड़ीउली ने कहा कि इतने बड़े मंच पर देशभर में लाइव पुरस्कार ग्रहण करना अविश्वसनीय रहा। इसमें गर्व की अनुभूति इतनी ज्यादा हो रही थी कि आंख एक समय नम हो गई थी। पूरा हॉल तालियों के गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। उस समय गर्व हुआ कि कर्तव्य करने से फल जरुर मिलता है। वह भी उन बच्चियों के सहयोग से जो एक समय विद्यालय छोड़ चुकी थीं। उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था या पढ़ाई की स्थिति वैसी नहीं थी। उन स्कूल छोड़ चुकी बच्चियों ने राज्य, जिला और कस्तूरबा विद्यालय सदर का नाम ऊंचा कर दिखाया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि किसी भी चीज को पाना असंभव नहीं है। समारोह में दक्षिण भारत से आने वाले राज्य के विद्यालयों के अनुभव को साझा करने का मौका भी मिला। जिससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। खासकर तेलंगाना राज्य से आए केजीवीभी के स्कूलों में सेनेटरी को लेकर बहुत बेहतर कार्य किया गया है। उससे प्रेरणा लेकर इस विद्यालय में भी कुछ बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। इससे पूर्व वार्डेन विमला बुड़ीउली व विद्यालय की स्वच्छता मंत्री राखी कुजूर का स्वागत पारंपरिक रूप से नृत्य के साथ किया गया।

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दिल्ली में हुई पश्चिम ¨सहभूम की तारीफ

विद्यालय की स्वच्छता मंत्री राखी कुजूर ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार लेने के अनुभव ने काफी कुछ सीखा दिया। गर्व है कि हमें देश के तीसरे सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार मिला। वहां का अनुभव इतना बेहतर रहा कि हम और भी बेहतर रूप से स्वच्छता अभियान को अपना सकते हैं। दूसरे राज्य से आए विद्यालय के बच्चों से काफी सीखने को मिला। इससे विद्यालय में और बेहतर करने संकल्प लिया है। इस अभियान से पूरे जिले के विद्यालयों को जुड़ना चाहिए। दिल्ली में पश्चिम ¨सहभूम जिले की काफी तारीफ हुई, क्योंकि यह जिला अति पिछड़ा क्षेत्र में गिना जाता है।

स्वच्छता के प्रति गंभीर हैं राखी

चाईबासा मेरी टोला की रहने वाली राखी स्वच्छता के प्रति काफी गंभीर रहती है। इसी को देखते हुए विद्यालय में उसे स्वच्छता मंत्री का दायित्व दिया गया है। एक कुशल प्रशासनिक की तरह सभी स्वच्छता के आयाम को अपनाकर यह पुरस्कार मिला है।


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