रद करें नप को हस्तांतरित जमीन, नहीं तो होंगे भूमिहीन : रैयत
उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम द्वारा स्लम निवासियों को बसाने के लिए चक्रधरपुर नगर परिषद को हस्तांतरित की गई जमीन रद करने की मांग की है। एक तरफ जहां चक्रधरपुर नगर के भारत भवन परिसर में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत पोटका में जी थ्री के 1120 फ्लैट के निमार्ण के लिए पोटका किफायती आवास परियोजना को लेकर कार्यशाला हो रहा था।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम द्वारा स्लम निवासियों को बसाने के लिए चक्रधरपुर नगर परिषद को हस्तांतरित की गई जमीन रद करने की मांग की है। एक तरफ जहां चक्रधरपुर नगर के भारत भवन परिसर में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत पोटका में जी थ्री के 1120 फ्लैट के निमार्ण के लिए पोटका किफायती आवास परियोजना को लेकर कार्यशाला हो रहा था। वहीं दूसरी ओर परियोजना के क्रियान्वयन वाली जमीन को अपना बताने वाले रैयतों में आक्रोश फूटता दिखा। रैयत मोटाय दोंगो, सामिया दोंगो, प्रमेश बोदरा, राम बोदरा, मंगल बोदरा, सलगी बोदरा, पीरू बोदरा, राम माझी, रायसन मुर्मू, फागु, सोना माझी, सावन माझी आदि ने कहा कि चक्रधरपुर नगर परिषद को हस्तांतरित की गई जमीन चंद्री पंचायत के पोटका मौजा में आता है। यह प्रस्तावित स्थानीय रैयतों के नाम पर है। रैयतों ने कहा कि उपायुक्त को हस्तांतरित जमीन को रद करने की मांग ज्ञापन सौंपकर की गई है। उपायुक्त से इस भूल को सुधारते हुए नगर परिषद द्वारा चलाए जा रहो स्लम निर्माण में यथाशीघ्र विराम लगाएं और रैयतों को भूमिहीन होने से बचाएं। इन्होंने बताया हस्तांतरित जमीन को अपना
उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में पोटका के कई रैयतों ने हस्तांरित जमीन को अपना बताया। रैयतों ने कहा कि खाता नंबर 313 प्लॉट नंबर 1734 शंकर हो,
दुला हो, पिता हाड़ी हो, किली बोदरा के नाम से दर्ज है। खाता नंबर 181 प्लॉट नंबर 1726 बगन माझी, पातु माझी, पिता रंगटु माझी, लखन माझी, पिता बगन माझी के नाम से दर्ज है। खाता नंबर 282 प्लॉट नंबर 1734 एवं 1963 राम बोदरा, पिता बिरसा बोदरा, जाति हो, किली बोदरा के नाम से दर्ज है। जबकि खाता नंबर 144 प्लॉट नंबर 1748 नंदू हो पिता बोटा हो के नाम से दर्ज है। वहीं खाता नंबर 257 प्लॉट नंबर 1740 मोटाय हो, सोमाय हो, बाबू हो आदि के नाम से दर्ज है। नहीं बनने देंगे भूमिहीन, होगा आंदोलन : झामुमो
रैयतों के समर्थन में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हुंकार भरी है। झारखंड किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष चम्बरू उर्फ कालिया जामुदा ने कहा कि ग्राम मुण्डा एवं रैयतों ने इस योजना का लिखित विरोध करते हुए डीसी, एसडीएम, सीओ एवं नगर परिषद को अगवत कराया था। लेकिन उनकी आवाज न सुनकर उन्हें जमीन से बेदखल करने का प्रयास शुरू हो गया है। नगर परिषद बाहरियों को बसाने के लिए तत्पर है। आदिवासी सरकार में भी आदिवासी सुरक्षित नहीं हैं। नगर परिषद ने अपनी परिपाटी नहीं बदली तो रैयतों के साथ ग्रामीण आंदोलन करेंगे।