बिरसा मुंडा के जीवन सभी को लेनी चाहिए प्रेरणा : देंवेंद्रनाथ चांपिया
कांग्रेस भवन में बिरसा मुंडा जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण करने के उपरांत उनकी जीवनी व कृत्य पर विचार गोष्ठी की गई। इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सन्नी ¨सकू ने की।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : कांग्रेस भवन में बिरसा मुंडा जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण करने के उपरांत उनकी जीवनी व कृत्य पर विचार गोष्ठी की गई। इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सन्नी ¨सकू ने की। विचार गोष्ठी में पूर्व मंत्री देवेन्द्रनाथ चांपिया ने कहा कि हमने बिरसा सेवा दल के द्वारा अपने सामाजिक कार्य की शुरुवात की। तब हम राजनीति के बारे सोचते नहीं थे लेकिन बिरसा सेवा दल के जिला पदाधिकारी के रूप में तब 10 बार से भी अधिक वारंट मेरे खिलाफ जारी हुए। वहीं से हमको राजनीत में आने की प्रेरणा मिली इसलिए हमारे जीवन में बिरसा मुंडा की जीवनी व कृत्य का महत्व बहुत अधिक है। पूर्व सांसद चित्रसेन ¨सकू ने कहा कि बिरसा मुंडा को देश में 1940 के बाद ही राष्ट्रीय फलक पर पहचान मिली। जब 1940 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सम्मेलन झारखंड के रामगढ़ में आयोजित हुआ था। उस समय सबसे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय सम्मेलन में बिरसा मुंडा के जीवनी व कृत्य पर चर्चा कर उनके एतिहासिक कार्य को राष्ट्रीय पहचान दिलाई गई। ऐसे में हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बिरसा मुंडा के जीवनी व कृत्य से प्रेरणा लेना चाहिए। विचार गोष्ठी को जिलाध्यक्ष सन्नी ¨सकू, पूर्व सांसद दुर्गा प्रसाद जामुदा, राधामोहन बनर्जी, नीला नाग, इंदुशेखर तिवारी, मो.अशरफुल होददा, बुल्लू दास, जितेंद्र गोप व सुशील कुमार दास सहित अन्य ने भी संबोधित किया।