वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा व घर से निकालना गंभीर अपराध : करण पाड़ेया
पश्चिमी सिंहभूम जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को पीएलवी करण पाड़ेया पीएलवी हेमराज निषाद एवं पीएलवी उदय शंकर प्रसाद की ओर से सदर प्रखंड के बड़ागुईरा गांव में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को पीएलवी करण पाड़ेया, पीएलवी हेमराज निषाद एवं पीएलवी उदय शंकर प्रसाद की ओर से सदर प्रखंड के बड़ागुईरा गांव में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में जानकारी देते हुए पीएलवी करण पाड़ेया ने ग्रामीणों को जरूरी एवं महत्वपूर्ण कानूनी संबंधी बातों से अवगत कराया गया। इसमें बुजुर्गों के हक और अधिकार के बारे विस्तार से बताया गया। भारत में मिलने वाले बुजुर्गों के लाभ की जानकारी दी गई। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का रखरखाव और कल्याण 2007 अधिनियम के तहत कोई भी वरिष्ठ नागरिक अपने भरण-पोषण के लिए अपने वयस्क बच्चों या रिश्तेदारों से लेने के लिए आवेदन कर सकता है। भरण-पोषण नहीं करने पर वह अपना संपत्ति वापस भी ले सकते हैं। सीआरपीसी धारा 125 के तहत प्रावधान के अनुसार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय में भरण-पोषण का आवेदन कर सकता है। वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा या उन्हें घर से निकाल देना एक गंभीर अपराध है। इसके लिए 5 हजार तक जुर्माना और 3 महीने की कैद हो सकती है। इसलिए बुजुर्गों का सम्मान करें और अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा रखें। इसके अलावा बाल विवाह निषेध अधिनियम की जानकारी दी गई, जिसमें बताया गया कि लड़कियों के लिए 18 वर्ष एवं लड़कों के लिए 21 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा विवाह हेतु निर्धारित की गई, इसका पालन करना हम सब का कर्तव्य है। शिविर में सदर उप प्रमुख गुलशन सुंडी एवं मुखिया लुपुंगुटू पंचायत के आशा सुंडी के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।