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मझगांव से टिकट कटने पर भड़का बड़कुंवर खेमा, सौंपा इस्तीफा

भाजपा ने गुरुवार को पश्चिमी सिंहभूम की चाईबासा और मझगांव विधानसभा सीट से अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। चाईबासा में भाजपा ने एक बार फिर ज्योति भ्रमर तुबिद पर भरोसा जताया है वहीं मझगांव में भूषण पाट पिगुवा के रूप में नया चेहरा उतारा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 12:34 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 06:21 AM (IST)
मझगांव से टिकट कटने पर भड़का बड़कुंवर खेमा, सौंपा इस्तीफा
मझगांव से टिकट कटने पर भड़का बड़कुंवर खेमा, सौंपा इस्तीफा

जागरण संवाददाता, चाईबासा : भाजपा ने गुरुवार को पश्चिमी सिंहभूम की चाईबासा और मझगांव विधानसभा सीट से अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। चाईबासा में भाजपा ने एक बार फिर ज्योति भ्रमर तुबिद पर भरोसा जताया है, वहीं मझगांव में भूषण पाट पिगुवा के रूप में नया चेहरा उतारा है। मझगांव से दो बार विधायक रहे बड़कुंवर गागराई का टिकट इस बार पार्टी ने काट दिया है। इससे बड़कुंवर खेमे के कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी देखी गई। शुक्रवार को मझगांव, कुमारडुंगी, तांतनगर और

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मंझारी प्रखंड अध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों ने अपनी पूरी टीम के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया। चाईबासा पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष मनीष राम को इस्तीफा सौंपा है।

मझगांव विधानसभा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि भूषण पाट पिगुवा को कांग्रेस से तोड़कर भाजपा में पहले शामिल कराया गया। अब उन्हें मझगांव से पार्टी ने टिकट भी दे दिया है। यह यहां के कार्यकर्ताओं के साथ बड़ा धोखा है। लंबे समय से भाजपा के लिए काम करने वाले बड़कुंवर का टिकट एक षड्यंत्र के तहत काटा गया है।

मालूम हो कि बड़कुवर गागराई 1999 में पहली बार भाजपा से जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। 2004 में झामुमो पार्टी के प्रत्यासी निरल पुरती से हार गये थे। 2009 में दूसरी बार जीत कर झारखंड में तीन माह के लिए खाद्य आपूर्ति मंत्री बने थे। 2014 में गागराई तीसरे स्थान पर थे। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी भाजपा इस विधानसभा में बड़े मतों से कांग्रेस से पीछे रह गई थी।

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2014 में हारने के बाद भी तुबिद चाईबासा में रहे सक्रिय

अधिसूचना जारी होने के चार दिन बाद भी भाजपा की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा नहीं किये जाने से चाईबासा में तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही थी। गुरुवार देर शाम सूची जारी होने पर जेबी तुबिद का नाम सामने आने पर कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया। तुबिद 2014 के चुनाव में भी भाजपा के टिकट से चाईबासा विधानसभा से लड़े थे। इस चुनाव में झामुमो के दीपक बिरुवा ने उन्हें एक तरफा मुकाबले में हरा दिया था। हारने के बाद भी तुबिद चाईबासा क्षेत्र में सक्रिय रहे। झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद चाईबासा से करीब आधा दर्जन नेताओं ने भाजपा से टिकट के लिए दावेदारी की थी मगर हाईकमान ने अंत में तुबिद के नाम पर मुहर लगाकर सारी अटकलें खत्म कर दीं।


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