दस हजार की सुपारी पर शीला की कराई हत्या
-शीला बोयपाई हत्या मामले में तीन गिरफ्तार, मामले का खुलासा -चचेरे भाई ने एक हत्यारोपी के स
-शीला बोयपाई हत्या मामले में तीन गिरफ्तार, मामले का खुलासा
-चचेरे भाई ने एक हत्यारोपी के साथ मिलकर दिया घटना को अंजाम
-जमीन विवाद व डायन का आरोप लगाकर की गई हत्या
जागरण संवाददाता, चाईबासा : तांतनगर ओपी के गिदबास गांव में रिटायर्ड फौजी गुरुचरण बोयपाई की पत्नी व गांव की सहिया शीला बोयपाई की हत्या मामले का खुलासा गुरुवार को पुलिस ने किया। मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
सदर थाना में डीएसपी प्रकाश सोय ने पत्रकारों को बताया कि गुरुचरण बोयपाई और उसकी पत्नी पर जमीन विवाद में हमला किया गया था। इससे पहले पत्नी पर डायन का आरोप लगाकर बदनाम किया गया। उसके बाद हत्या की साजिश भीम बोयपाई व दामू बोयपाई ने रची। मामले में भीम बोयपाई, दामू बोयपाई व शिव शंकर बोयपाई उर्फ सेना को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों ने अपराधी शंकर बोयपाई को 10 हजार रुपये का लालच देकर पूरे परिवार की हत्या करने के लिए राजी किया।
डीएसपी ने बताया कि हत्या के समय अपराधियों ने अपने मुंह ढंक कर रखे थे, ताकि उनकी पहचान न हो सके। पुलिस ने शक के आधार पर भीम बोयपाई और दामू बोयपाई को पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबूल करते हुए शंकर बोयपाई की भी हत्या में शामिल होने की बात बताई। इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयोग की गई दोनों तलवार बरामद कर लिया गया। दोनों तलवार को खेड़ियाटांगर गांव जाने वाली क्वेता के पास झाड़ी में छिपाकर रखा गया था। मौके पर प्रशिक्षु डीएसपी अखिल निखिल कुजूर, सदर थाना प्रभारी सुनील तिवारी, मुफस्सिल थाना प्रभारी दिग्विजय ¨सह, तांतनगर थाना प्रभारी ¨बदेश्वर प्रसाद, पांड्राशाली ओपी प्रभारी नितिन कुमार ¨सह समेत अन्य मौजूद थे।
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गांव की सहिया थी शीला बोयपाई
रिटायर्ड फौजी गुरुचरण बोयपाई की पत्नी शीला बोयपाई गिदबास गांव के टोला बोंजबासा की सहिया थी। वह गांव के गर्भवती महिलाओं को प्रसव समेत अन्य कार्यो में सहयोग करती थी। गांव में ज्यादा सक्रिय रहना भी भीम बोयपाई को खटकते रहता था। हमेशा उनलोगों द्वारा उन्हें बदनाम करने की कोशिश भी की जाती थी।
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एक साल पहले दामू बोयपाई के पुत्र की हो गई थी मौत
शीला बोयपाई की हत्या ऐसे तो जमीन विवाद में किया गया, लेकिन उससे पहले डायन का आरोप भी दामू बोयपाई द्वारा लगाया गया था। एक साल पहले दामू बोयपाई के पुत्र का तालाब में डूब जाने से मौत हो गई थी। इसमें दामू ने शीला पर डायन का आरोप लगाया। इसके बाद भी कई आपसी विवाद हुए थे। इसका गुस्सा दामू को था। उसका बदला लेने के लिए दामू हमेशा ताक में रहता था। उसके बाद मौका देख दामू व शंकर ने शीला व उसके परिवार पर हमला करा दिया। इसमें शीला की मौत हो गई।
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जमीन विवाद भी था कारण
- गुरुचरण बोयपाई फौज में था। गांव में पूरे दबंगता से रहता था। जब दोनों भाइयों में जमीन बंटवारा हुआ तो गुरुचरण कुछ जमीन ज्यादा ले लिया और भाई भीम बोयपाई को कुछ कम जमीन दिया। इससे भी बाप-बेटा के जेहन में गुस्सा कायम था। इस घटना को अंजाम देने के लिए उन्होंने शंकर को तैयार किया और गुरुचरण के परिवार पर रात में हमला कर दिया।
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शंकर पहले भी कर चुका है हत्या
शंकर बोयपाई उर्फ सेना पहले भी अपने चाची की हत्या मामले में जेल जा चुका है। 2004 में शंकर ने अपनी ही चाची की हत्या कर दी थी। वर्तमान में वह जमानत पर बाहर निकला था। भीम बोयपाई व दामू बोयपाई ने 10 हजार रुपये में हत्या का सौदा तय किया। हत्या के बाद पैसा देने की बात हुई थी, लेकिन पैसा नहीं दिया गया।