मझगांव अस्पताल के डाटा मैनेजर की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस
मझगांव रेफरल अस्पताल के डाटा मैनेजर संजीव गोप की संदेहास्पद मौत प्रकरण में मझगांव पुलिस ने तीन दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया।
संवाद सूत्र, मझगांव : मझगांव रेफरल अस्पताल के डाटा मैनेजर संजीव गोप की संदेहास्पद मौत प्रकरण में मझगांव पुलिस ने तीन दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया। सोमवार दोपहर को संजीव गोप का शव मझगांव जैंतगढ मुख्य सड़क के सिलफोड़ी जंगल के अंदर छोटे से नाले से बरामद हुआ था। पिता पुरेंद्र गोप ने संजीव गोप की हत्या होने की आशंका जतायी थी। जांच में यह बात सामने आयी है कि संजीव को मिर्गी के दौरे भी पड़ते थे। पुलिस सभी पहलु की जांच कर रही है। इधर, मंगलवार को थाना प्रभारी अकील अहमद ने संजीव के पिता पुरेंद्र के बयान पर आज्ञात अपराधियों पर हत्या का मामला दर्ज किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि संजीव गोप के तीन दोस्तों को हिरासत में लिया गया। पूछ ताछ करने पर पता चला कि संजीव ने फोन कर तीनों दोस्तों को गुड़गांव नदी तट पर स्थित सप्ताहिक बाजार जाने की बात कह कर बुलाया था। कहा था कि वो सिलफोड़ी जंगल में नाला में शौच करने जा रहा है। सभी लोग वहीं मिलते हैं। तीनों दोस्त एक साथ नही होने के कारण 1 घंटा विलंब से जंगल पहुंचे। संजीव की मोटरसाइकिल देखकर तीनों ने संजीव को बार-बार आवाज दी। जब वो नहीं आया तो जंगल के अंदर उसे ढुंढने लगे। इस क्रम में देखा कि संजीव नाले में मुंह के बल गिरा हुआ था। इसके बाद मझगांव रेफरल अस्पताल जाकर एम्बुलेंस की मांग की पर 108 एम्बुलेंस चालक ने कहा कि काल सेंटर के बिना निर्देश पर नहीं जाएंगे। मौके पर दोस्तों ने चालक से जबरन चाभी लुटने का प्रयास किया था। तभी काँल सेंटर फोन कर एम्बुलेंस घटना स्थल से शव को मझगांव अस्पताल लाया गया।तब तक संजीव की मौत हो चुकी थी। थाना प्रभारी ने बताया कि संजीव गोप मिर्गी का मरीज है। मौत का यह भी कारण हो सकता है। फिलहाल हम लोग हर पहलु की जांच कर रहे हैं।
पुलिस ने मंगलवार को संजीव के शव को चाईबासा में पोस्टर्माटम कर परिजनों को सौप दिया है। पोस्टोर्माटम रिपोर्ट की आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मृतक संजीव गोप के तीनों दोस्तों को मंगलवार को डीएसपी प्रदीप उरांव ने भी पूछ-ताछ कर छोड़ दिया।