Move to Jagran APP

एसीसी की ब्लास्टिंग से दोकट्टा गांव में मची अफरा-तफरी

झींकपानी स्थित एसीसी सीमेंट कंपनी की ओर से मंगलवार दोपहर दो बजे माइंस में ब्लास्टिंग की गई। बिना किसी पूर्व सूचना के विस्फोट और उसके कंपन से दोकट्टा गांव में अफरा-तफरी मच गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 07:20 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 07:20 PM (IST)
एसीसी की ब्लास्टिंग से दोकट्टा गांव में मची अफरा-तफरी
एसीसी की ब्लास्टिंग से दोकट्टा गांव में मची अफरा-तफरी

संवाद सहयोगी, चाईबासा : झींकपानी स्थित एसीसी सीमेंट कंपनी की ओर से मंगलवार दोपहर दो बजे माइंस में ब्लास्टिंग की गई। बिना किसी पूर्व सूचना के विस्फोट और उसके कंपन से दोकट्टा गांव में अफरा-तफरी मच गई। भयभीत ग्रामीण अपने परिवार संग बच्चों को लेकर एक जगह मैदान में जमा हो गए। जमा होने के बाद आपस में विचार-विमर्श कर एसीसी कंपनी प्रबंधक मिले और घटना की जानकारी देकर विरोध जताया। ग्रामीणों ने बताया कि एसीसी कंपनी की ओर से ब्लास्टिंग ऐसे तो रात में की जाती थी लेकिन अब दिन में भी ब्लास्टिंग कर दोकट्टा गांव में रहने वाले लोगों को जीना मुहाल कर दिया है। ब्लास्टिंग के दौरान घरों में बड़े-बड़े पत्थर के टुकड़े गिरे हैं। अगर यह पत्थर के टुकड़े किसी के सिर पर लग जाते तो उसकी मौत हो सकती है। दिन के समय माइंस में ब्लास्टिंग से ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। ग्रामीणों का कहना था कि आखिर कब तक इस तरह हम लोग मैदान में जाकर अपनी जान बचाते रहेंगे। इसके निदान के लिए जिला प्रशासन व एसीसी सीमेंट कंपनी को समय रहते हुए पहल करनी होगी। अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष जान मिरन मुंडा ने बताया कि दोकट्टा में बिना ग्रामसभा के खनन किया जा रहा है। माइंस में ब्लास्टिंग के लिए सरकार के नियम के हिसाब से गांव में निवास कर रहे लोगों के घरों से कम से कम 500 मीटर दूरी पर ब्लास्टिंग की जानी चाहिए लेकिन एसीसी कंपनी की ओर से जहां पर ब्लास्टिंग की गई है वह घरों से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है। दोकट्टा गांव में 2500 आबादी है। 1991 से 2015 तक यहां पूरी तरह से अवैध माइनिंग की गई है। खनन विभाग की रिपोर्ट में नौ सौ करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। ब्लास्टिंग के कारण गांव के अगल-बगल के खेतों में खेती योग्य जमीन नहीं बची है। सुबह खेत में देखो तो सफेद व काली डस्ट जमा रहती है। इसकी वजह से लोग खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। दोकट्टा गांव के ग्रामीणों ने अभी तक ब्लास्टिंग की वजह से गांव में पत्थर के टुकड़े गिरने की सूचना नहीं दी है। ब्लास्टिग की वजह से गांव में पत्थर के टुकड़े गिरे हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। इसके बाद एसीसी प्रबंधन से इस विषय में बातचीत की जाएगी। इस पर एसीसी प्रबंधन ठोस कोई निर्णय नहीं लेता है तो नियम संगत कार्रवाई की जाएगी।

loksabha election banner

- दोराम भगत, टोंटो प्रखंड विकास पदाधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.