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सड़क पर रफ्तार के साथ धुंध की दादागिरी

सुधीर पांडेय, चाईबासा : सर्दियों का मौसम आ रहा है। चाईबासा क्षेत्र के बड़ाजामदा और किरीब

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 08:57 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 08:57 PM (IST)
सड़क पर रफ्तार के साथ धुंध की दादागिरी
सड़क पर रफ्तार के साथ धुंध की दादागिरी

सुधीर पांडेय, चाईबासा : सर्दियों का मौसम आ रहा है। चाईबासा क्षेत्र के बड़ाजामदा और किरीबुरू इलाके में अभी से देर रात से कोहरा छाने लग रहा है। विशेष तौर पर सारंडा जंगल की वादियों से सटे इन इलाकों में सुबह तक यही मौसम रहता है। इसलिए इस दौरान चाईबासा से किरीबुरू होते हुए राउरकेला तक वाहनों से सफर करने में बेहद सावधानी की जरूरत है। जहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेहद सतर्कता की जरूरत है तो शहर की सड़कों पर भी वाहन सावधानी से दौड़ाना चाहिए। जमशेदपुर से चाईबासा होते हुए किरीबुरू की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 75 पर यूं तो हर मौसम में वाहन चलाना बेहद खतरनाक होता है। घुमावदार सड़क पर रात को हादसे का खतरा बढ़ जाता है। उसपर भी कोहरे की रात या सुबह में हादसे का खतरा कई गुना अधिक होता है। क्योंकि एक तो दृश्यता कम होती है तो दूसरे सड़क पर बेतहाशा दौड़ रहे ट्रक व ट्रेलर के चालक भी नींद में हो सकते हैं इसलिए राजमार्ग पर बेहद सावधान रहें। सड़क सुरक्षा समिति के सलाहकार सदस्य राजा राम गुप्ता कहते हैं कि वाहनों की रफ्तार बेहद कम रखें तो ज्यादा बेहतर है। अपने वाहन में फॉग लैंप और बीम लाइट जरूर लगाएं। पीछे रेडियम स्ट्रिप के साथ ही बैक लाइट जला कर रखें। मोटर ड्राइ¨वग ट्रे¨नग स्कूल चलाने वाले जगदीश चौबे बताते हैं कि घने कोहरे में आगे चल रहे वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश नहीं करें। ये कोशिश खतरनाक साबित हो सकती है। चालक को चाहिए कि वो सड़क के बाएं किनारे का ध्यान रखे। चक्रधरपुर से बंदगांव होते हुए रांची जाना खतरनाक

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सर्दियों में कोहरे के समय जमशेदपुर से किरीबुरु, चक्रधरपुर से मनोहरपुर और चाईबासा से चक्रधरपुर, घाटी होते हुए रांची का रास्ता सबसे खतरनाक साबित होगा। इसपर वाहन चलाते समय बेहद सावधानी बरतें। चक्रधरपुर से बंदगांव होते हुए रांची जाने वाला एनएच 75 कई जगह अधूरा है। घाटी का रास्ता होने के कारण कोहरा पड़ने पर चालक को रास्ता साफ नजर नहीं आता। एनएच पर अभी न तो पीली लाइन बनी है और ना ही सुरक्षित ड्राइविंग के अन्य बोर्ड लगाए गए हैं।

हाइवे पर जहां-तहां खड़े ट्रकों से रहें होशियार

हाइवे पर अक्सर ट्रक व ट्रेलर चालक अपने वाहन खराब होने पर कहीं भी खड़ी कर देते हैं। आसपास पत्थर के टुकड़े रख देते हैं जो चालकों को ये समझाने में नाकाम होते हैं कि आगे ट्रक खड़ा है। इसलिए, हाइवे पर वाहन चलाते वक्त ये भी ध्यान रखें कि कहीं कोई बंद ट्रक खड़ा तो नहीं है। ट्रक ड्राइवरों को भी चाहिए कि वो अपने बंद ट्रक खड़ा करने के बाद पीछे लाल कपड़ा तो टांगे ही संभव हो तो बैक लाइट जला कर इंडीकेटर चालू कर दें। जिला परिवहन विभाग का गति पर नहीं कंट्रोल

परिवहन विभाग शहर की परिवहन व्यवस्था को सुधारने में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है। हाईवे और शहर के अंदर दौड़ रहे ट्रक परिवहन के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ट्रकों पर पीछे खतरनाक सामान जैसे सरिया आदि लदे रहते हैं। वाहनों में फॉग लैंप, रेडियम स्टीकर आदि नहीं लगे होते लेकिन, इसकी चे¨कग नहीं हो पा रही है। विभाग के अधिकारी सिर्फ वसूली में मस्त हैं। पश्चिम ¨सहभूम में सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह यूं तो नशापान है। परिवहन विभाग को ब्रेथ एनालाइजर से जांच अभियान चलाने को कहा गया है। वैसे अभी सर्दियां शुरू हो रही हैं। ऐसे में सतर्कता और जरूरी हो गई है। वाहनों की गति नियंत्रित रखने के उपाय किए जा रहे हैं। चाईबासा में ट्रैफिक पुलस व्यवस्था नहीं है। इसके लिए भी सरकार के पास प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। यातायात पुलिस के मिलने से हादसों पर नियंत्रण निश्चित लगेगा।

- जी. क्रांति कुमार, पुलिस अधीक्षक, चाईबासा।


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