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922 वोटर तय करेंगे 33 उम्मीदवारों का भाग्य

टाटा स्टील संबद्ध नोवामुंडी इंटक माइंस मजदूर यूनियन चुनाव लड़ रहे 33 प्रत्याशियों का भाग्य 922 कर्मचारी मतदाताओं के हाथ में हैं। जिसमें से दस फीसद महिला कर्मचारी वोटर शामिल हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 06:55 PM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 06:55 PM (IST)
922 वोटर तय करेंगे 33 उम्मीदवारों का भाग्य
922 वोटर तय करेंगे 33 उम्मीदवारों का भाग्य

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : टाटा स्टील संबद्ध नोवामुंडी इंटक माइंस मजदूर यूनियन चुनाव लड़ रहे 33 प्रत्याशियों का भाग्य 922 कर्मचारी मतदाताओं के हाथ में हैं। जिसमें से दस फीसद महिला कर्मचारी वोटर शामिल हैं। यदि हम जातीय समीकरण के हिसाब से देखते हैं तो करीब सात सौ जेनरल वोटर व 222 आदिवासी वोटर शामिल हैं। 28 दिसंबर को होने वाले चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मछली छाप चुनाव चिन्ह से महासचिव पद पर चुनाव लड़ रहे जीटी रेड्डी, उगता सूरज छाप चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ रहे संजय कुमार दास, शंख छाप से चुनाव लड़ रहे गोबिद लाल व त्रिशूल छाप चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ रहे समीर खान गुट के अलावा निर्दलीय महासचिव पद से चुनाव चिन्ह सीलिंग फैन से चुनाव लड़ रहे राज ऋषि रॉय आमने सामने होंगे। निर्दलीय प्रत्याशी राज ऋषि रॉय भी 'हम किसी से कम नहीं' के तर्ज पर चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए प्रचार शुरू कर दिया है। वह वोटरों के समक्ष चुनाव चिन्ह 'सीलिग फैन' छाप दिखाकर यह अकेले के दम पर वोट मांग रहे हैं, कि 'सबको देखा बार-बार, हमको देखो अबकी बार'। जीटी रेड्डी गुट समर्थक रविवार सुबह से ही प्रचार अभियान में लग गए हैं। जगह-जगह चुनाव से संबंधित मुद्दे लिखे अपील पत्र चस्पाकर मतदाताओं को आकर्षित करने में लगे हैं। संजय कुमार दास गुट और जीटी रेड्डी गुट अपने-अपने कार्यकाल के दौरान किए गए उपलब्धियों को गिनाकर चुनाव में जीत दर्ज करने के सपने देख रहे हैं। गोबिद लाल गुट शैलेश कुमार पांडे के कार्यकाल की उपलब्धियों को प्रत्याशियों के समक्ष रख रहे हैं। आने वाले समय में कर्मचारियों को सुविधा दिलाने का भी आश्वासन देते फिर रहे हैं। समीर खान गुट के नेता अधूरे पुराने वादे और आश्वासन को वोटरों के समक्ष रखकर नए मुद्दे को पेश कर रहे हैं। लगभग सभी प्रत्याशी एक-दूसरे की कमजोरी को चुनाव प्रचार के दौरान हथकंडे के रूप में अपना कर एक-दूसरे को नीचा दिखाने का भी प्रयास कर रहे हैं। कर्मचारी मतदाता भी प्रत्याशियों से होशियारी के मामले में दो कदम आगे चल रहे हैं। इसबार के चुनाव में समीकरण कुछ और बयां कर रहा है। प्रत्याशियों द्वारा आयोजित होने वाले पिकनिक में शामिल होकर साथ में खाओ-पीओ और वोट और किसी को दो नीति अपनाकर चल रहे हैं।

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