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सिकुर ने आठ लोगों के साथ मिलकर उतारा था चाचा को मौत के घाट

जेटेया थाना अंतर्गत हुए सुबेदार कैरम हत्याकांड का खुलासा हो गया है। हत्याकांड में शामिल छहअन्य आरोपितों को भी जेटेया पुलिस ने थाना प्रभारी चंदन कुमार के नेतृत्व में कातिकोड़ा गांव से गिरफ्तार कर रविवार को चाईबासा जेल भेज दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 07:17 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 07:17 PM (IST)
सिकुर ने आठ लोगों के साथ मिलकर उतारा था चाचा को मौत के घाट
सिकुर ने आठ लोगों के साथ मिलकर उतारा था चाचा को मौत के घाट

संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : जेटेया थाना अंतर्गत हुए सुबेदार कैरम हत्याकांड का खुलासा हो गया है। हत्याकांड में शामिल छहअन्य आरोपितों को भी जेटेया पुलिस ने थाना प्रभारी चंदन कुमार के नेतृत्व में कातिकोड़ा गांव से गिरफ्तार कर रविवार को चाईबासा जेल भेज दिया। इनमें कृशूनु लागुरी, सुविराम लागुरी, कमलेश लागुरी, रोया लागुरी, सिकुर लागुरी, टुनू लागुरी शामिल हैं। सभी कातिकोड़ा गांव के ही रहने वाले हैं। जेटेया थाना में रविवार को डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने बताया कि 26 दिसंबर की रात करीब 8.30 बजे जेटेया थाना क्षेत्र के कातिकोड़ा गांव के कैरमसाई टोला निवासी झालमुड़ी विक्रेता सुबेदार कैरम (50) की आठ लोगों ने लाठी डंडा व टांगी से मारकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड का साजिशकर्ता व मास्टर माइंड मृतक सुबेदार का अपना भतीजा सिकुर कैरम है। सिकुर ने अपने चाचा सुबेदार को मारवाने के लिए गांव के आठ लोगों का एक ग्रुप बनाकर 26 दिसंबर को खिलाया-पिलाया। साथ ही 20 हजार रुपये का प्रलोभन भी दिया। इसके बाद आठों लोगों ने मिलकर रात में सुबेदार की हत्या कर दी। घटना की जानकारी मिलते ही जेटेया पुलिस ने दल-बल के साथ गांव पहुंच शव के साथ मौके पर पड़े लाठी व टांगी को जब्त किया और 24 घंटे के अंदर इस हत्याकांड के प्रमुख दो मुख्य आरोपितों पाटन लागुरी व डिबरु लागुरी गांव कातिकोड़ा को 28 दिसंबर को ही त्वरित करवाई करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इन्हीं की निशानदेही पर मामले के अन्य सभी आरोपितों को पुलिस ने गांव से 29 दिसंबर को दबोचा। इस घटना के 72 घंटे के अंदर मामले का उद्भेदन किया गया है। जेटेया थाना प्रभारी चंदन कुमार को प्रशस्ति पत्र के लिए पुलिस अधीक्षक के पास अनुशंसा की जाएगी।

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पांच साल पहले सुबेदार ने की थी सिकुर के पिता की पिटाई

कातिकोड़ा निवासी सिकुर कैरम के पिता दुरगू कैरम की करीब पांच साल पहले नशे ही हालत में आकर उसके चाचा सुबेदार कैरम ने जमकर पिटाई कर दी थी। इस बात से खार खाए सिकुर ने वर्षो तक बदले की भावना को अपने अंदर दबाए रखा फिर 26 दिसंबर को अपने चाचा कि हत्या करवा दी। दरअसल जब उसके चाचा ने उसके पिता की पिटाई की थी। उस समय सिकुर गांव में नही था। वह अपने मामा घर बोकना में रहता था। पुलिस ने बताया कि सुबेदार कैरम अक्सर गांव में भी नशे की हालत में लोगों को पारंपरिक हथियार से डराता रहता था। इस कारण भी कुछ लोग उसके विरोधी बन गए थे। पकड़े गए आरोपितों में कुछ आरोपित आपराधिक छवि के पहले से हैं।


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