कैसे मिले तकनीकी ज्ञान,जब खुद बीमार हो आइटीआइ
अरुण कुमार सिमडेगायुवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार दिलाने के उद्देश्य से
अरुण कुमार, सिमडेगा:युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार दिलाने के उद्देश्य से जिले में स्थापित की गई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आज खुद अपनी पहचान बनाने की बात तो दूर, अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे हैं। इसकी एक बानगी जिले में महिलाओं के लिए शहर से करीब 4 किमी दूर बेरीटोली के सुनसान जगह में बनाया गया आइटीआइ है। जहां न सिर्फ भवन की हालत जर्जर हो गई है, बल्कि यहां अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है। सड़क, बिजली, पानी, उपकरण की कमी तो है ही, वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि यहां अब बिजली की सुविधा भी नहीं दी गई है। इसके अलावे भवन के दरवाजे-खिड़कियां टूटे पड़े हैं। बाउंड्री भी नहीं है। पानी के लिए लगाए टैंक भी उखड़कर क्षतिग्रस्त हो गया है। शौचालय का पैन टूटा पड़ा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब बुनियादी सुविधाएं ही नहीं हैं तो यहां प्रशिक्षण लेने के लिए कोई क्यूं आएगा। वैसे भी पिछले सत्र में 5 छात्राएं हीं अध्ययनरत हैं। जबकि वर्तमान सत्र में एक भी छात्राओं ने नामाकंन नहीं कराया है।ऐसे में सहज रूप से समझा जा सकता है कि सरकार व सिस्टम युवाओं के कौशल विकास के लिए कितना सजग हैं।उनकी उदासीनता की वजह से लाखों रुपये बना भवन केवल हाथी का दांत साबित हो रहा है। चार ट्रेड में प्रशिक्षण की है स्वीकृति महिला आइटीआइ कॉलेज में चार ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाने की स्वीकृति मिली हुई है। जिनमें इलेक्ट्रॉनिक-मैकेनिक, फैशन टेक्नोलॉजी, बेसिक कॉस्मेटोलॉजी व हाउस कीपिग है। परंतु वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक, मैकेनिक ट्रेड में ही प्रशिक्षण दिलाई जा रही है।
बताया कि इसके लिए अब एनसीवीटी से भी मान्यता मिल गई है, जबकि अन्य तीनों के लिए एनसीवीटी से मान्यता मिली हुई है। प्रतिनियुक्ति पर हैं सभी इंस्ट्रक्टर सीआइ रवीन्द्र कुमार ने कहा कि उनके साथ-साथ दो अन्य इंस्ट्रक्टर भी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि ये सही बात है कि महिला आईटीआई केन्द्र सुविधाएं नगण्य हैं। वहीं अन्य जरूरी सुविधाएं भी नहीं है। बुनियादी सुविधाओं के साथ जरूरी उपकरण भी नहीं है। जिसके कारण महिला आईटीआई के संचालन में परेशानी आ रही है। सुविधाओं का है अभाव:नियोजन पदाधिकारी
जिला नियोजन पदाधिकारी आशा मक्सीमा लकड़ा ने बताया कि यह बात सही है कि महिला आईटीआई में बुनियादी सुविधाओं के साथ टीचिग स्टाफ की भी कमी है। उन्होंने बताया कि उनका जिला में हाल ही में पदस्थापन हुआ है। वे इसे अपने स्तर देखेंगी।