Move to Jagran APP

सीनियर हॉकी एकेडमी के लिए तरस रहा सिमडेगा

सिमडेगा हॉकी की नर्सरी के रूप में प्रसिद्ध व देश को ओलंपियन समेत तीन दर्जन से अधिक अंतर्रा

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 09:50 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:35 AM (IST)
सीनियर हॉकी एकेडमी के लिए तरस रहा सिमडेगा
सीनियर हॉकी एकेडमी के लिए तरस रहा सिमडेगा

सिमडेगा: हॉकी की नर्सरी के रूप में प्रसिद्ध व देश को ओलंपियन समेत तीन दर्जन से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को देने वाला जिला

loksabha election banner

सिमडेगा आज एक अदद सीनियर हॉकी एकेडमी के लिए तरस रहा है। यहीं कारण है कि सब जूनियर व जूनियर वर्ग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी सीनियर स्तर की प्रतियोगिता में पिछड़ रहे हैं। लेकिन विडंबना यह कि इस मुद्दे पर न तो किसी जनप्रतिनिधि के द्वारा, नहीं विभाग के द्वारा सार्थक पहल की गई है। सीनियर स्तर की प्रशिक्षण सुविधा से वंचित होने के कारण हॉकी खिलाड़ियों को हीन भावना से ग्रसित होते हैं, वहीं प्रतिभा का भी पलायन होता है। अगर विगत 5-6 वर्षों की बात करें तो भारतीय पुरुष हॉकी

टीम में एकमात्र अभय एक्का का चयन हुआ। वहीं दूसरी ओर महिला वर्ग में सीनियर भारतीय महिला टीम में सलीमा टेटे का चयन हुआ। गौरतलब है कि कभी ऐसा भी दौर रहा था, जब भारतीय महिला हॉकी टीम में 4-5 खिलाड़ी शामिल होतीं थीं। जिले में हाल के वर्षों में एस्ट्रोटर्फ बना।जिससे जूनियर खिलाड़ियों के खेल में तो अपेक्षित सुधार हुआ, लेकिन सीनियर खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण व प्रशिक्षक की सुविधा का अभाव ही रहा । जिले में वर्तमान जूनियर खिलाड़ियों के लिए तीन ट्रेनिग सेंटर संचालित हो रहे हैं।जिसमें जिला मुख्यालय में 2 तथा कोलेबिरा प्रखंड के लचरागढ़ में एक केन्द्र संचालित है। दम तोड़ रही प्रतिभाएं:मनोज

सिमडेगा:सीनियर हॉकी एकेडमी खोले जाने के सवाल पर हॉकी सिमडेगा के महासचिव मनोज कोनबेगी ने कहा कि इसके लिए विभाग समेत मुख्यमंत्री के पास भी पत्राचार किया गया है। लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। जिसके कारण खिलाड़ियों को मैदान में हार के रूप में भुगतना पड़ता है।इस प्रकार प्रतिभा मंजिल पाने से पूर्व ही दम तोड़ रही है।सीनियर हॉकी एकेडमी के खुलने से पूरा लाभ खिलाड़ियों को मिलता। सीनियर एकेडमी जरूरत

सिमडेगा:जूनियर नेशनल हॉकी प्रतियोगिता में पिछले दिनों चैंपियन बनी कप्तान रेशमा सोरेंग का भी कहना है कि सीनियर हॉकी एकेडमी जिले के लिए बेहद जरूरी है। इससे खिलाड़ियों को सीखने का मौका मिलेगा और उनका प्रदर्शन में और निखार आएगा। दो ओलंपियनों ने बढ़ाया मान

सिमडेगा:हॉकी खिलाड़ियों ने सिमडेगा के साथ-साथ पूरे झारखंड व देश का मान सम्मान बढ़ाया है। सन 1980 के मास्को ओलंपिक गेम में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले सिल्वानुस डुंगडुंग सिमडेगा के केरसई प्रखंड अंतर्गत ठेसूटोली के रहने वाले हैं। उन्हें मेजर ध्यान चंद अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावे 1972 में म्यूनिख ओलंपिक में कुरडेग बैघमा निवासी माइकल किडो ने भी

कांस्य पदक प्राप्त की थी। इसके अलावे कांति बा:, सुमराय टेटे, असुंता लकड़ा समेत दर्जनों नाम हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर हॉकी में सिमडेगा का नाम ऊंचा किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.