Move to Jagran APP

फसल चक्र से बढ़ेगी मृदा की उर्वरा शक्ति:डीएओ

जासंसिमडेगाजिला कृषि कार्यालय सिमडेगा में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर जिला कृषि पदाधिकार

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 08:39 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 08:39 PM (IST)
फसल चक्र से बढ़ेगी मृदा की उर्वरा शक्ति:डीएओ
फसल चक्र से बढ़ेगी मृदा की उर्वरा शक्ति:डीएओ

जासं,सिमडेगा:जिला कृषि कार्यालय सिमडेगा में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी अनिमानंद टोप्पो की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के विषय पर चर्चा की

loksabha election banner

गई।डीएओ अनिमानंद टोप्पो ने कहा कि मृदा की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए फसल चक्र को अपनाएं।उन्होंने कहा कि खेतों में एक ही प्रकार की फसल लगाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है।उन्होंने कहा कि मिट्टी में कंपोस्ट, गोबर, जैविक खाद का उपयोग करें। इसके साथ ही पौधारोपण, बोरी बांध, चेकडैम ,ड्रिप इरिगेशन का उपयोग करने की अपील किसानों से की।उन्होंने मौके पर उपस्थित कृषक मित्रों, जनसेवकों, एटीएम, बीटीएम एवं बीएओ को अपने अपने कार्यक्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया। इस कार्यक्रम के अंत में कृषि निरीक्षक विनोद कुमार साहू के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। अच्छी फसल के लिए मिट्टी जांच जरूरी :

बानो:भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देशानुसार विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि विज्ञान केंद्र में किया गया। वरीय वैज्ञानिक डा.शंकर कुमार सिंह डा.बंधनु उरांव,डा.पंकज कुमार एवं डा.हिमांशु सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम

का शुभारंभ किया।अपने संबोधन में डा. शंकर कुमार ने बताया कि वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्री मृदा संघ ने 5 दिसम्बर को हर वर्ष मृदा दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया।उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय खाद्य संगठन के सम्मेलन में सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस मनाए जाने का समर्थन किया। डा. बंधनु उरांव ने संबोधित करते हुए बताया कि इस वर्ष विश्व मृदा दिवस का मुख्य उद्देश्य है कि मिट्टी की लवणता की रोकथाम कर उर्वरा शक्ति को बढ़ाना है। भूमि की लवणता को कम करने के लिए जैविक खादों का उपयोग करना है। साथ ही चूना का भी उपयोगिता बढ़ाना है।डा.पकंज कुमार एवं डा. हिमांशु सिंह ने भी संबोधित करते हुए बताया कि अधिक उपज के लिए मिट्टी की जांच करना जरूरी है।उसी आधार पर बीज की बुआई एवं जैविक खाद की उपयोगिता पर बल देना होगा।उन्होंने कहा कि मिट्टी जांच से हम जान पाएंगे कि मिट्टी के लिए उपयुक्त फसल कौन होगी। कार्यक्रम में एसएस प्लस विद्यालय के विद्यार्थी एवं किसानी उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.