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आदिवासी-मूलवासियों के हक के लिए होगा संघर्ष

सिमडेगा : जिले के कोलेबिरा प्रखंड के स्टेडियम में शनिवार को राष्ट्रीय सेंगेल पार्टी के तत्व

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 11:11 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 11:11 PM (IST)
आदिवासी-मूलवासियों के हक के लिए होगा संघर्ष
आदिवासी-मूलवासियों के हक के लिए होगा संघर्ष

सिमडेगा : जिले के कोलेबिरा प्रखंड के स्टेडियम में शनिवार को राष्ट्रीय सेंगेल पार्टी के तत्वावधान में विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान जनसभा में वर्तमान राज्य सरकार के द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल की खामियां गिनाई गईं। साथ ही आदिवासी-मूलवासी को वोट बैंक समझने वाले राजनीतिक दलों से सचेत रहने के बारे में लोगों को बताया गया।

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जनसभा में सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उपस्थित जनसभा को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेकुंदा टोप्पो ने कहा कि वर्ष 2016 से ही गलत स्थानीय नीति, जमीन रक्षा कानून सीएनटी-एसपीटी में गलत संशोधन के प्रयास, भूमि जमाबंदी अध्यादेश आदि के माध्यम से राज्य सरकार के द्वारा आदिवासी-मूलवासियों का समूल नाश करने का प्रयास है, जो वर्तमान राज्य सरकार की मंशा को प्रदर्शित करता है। हम सभी को इसको समझने और अपने हक व अधिकार के लिए विरोध करने के लिए सामने आना होगा।

उन्होंने कहा कि सेंगेल पार्टी के द्वारा इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन किया गया तथा ज्ञापन भी सौंपा गया है, किन्तु कुछेक मामलों को छोड़ अन्य मामलों में विशेष सफलता नही मिली है। ऐसे में हमे संगठित होकर वहां पहुंचना होगा, जहां नियम व कानून बनाए जाते हैं। वहीं महासचिव अनिल कंडुलना ने कहा कि रघुवर सरकार ने जो टीएसी बनाया है वह स्वयं में ही असंवैधानिक है। टीएसी को आदिवासियों का विधानसभा कहा जाता है जिसका एक बाहरी अर्थात झारखंड के बाहर का व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि जब अध्यक्ष ही बाहरी व्यक्ति है तो गलत कानून आसानी से बनाए जा रहे है। वही उन्होंने आरक्षित सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा अथवा लोकसभा जाने वाले संसद व विधायक पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल वोट के समय स्वयं को आम लोगों का हितैषी बनकर लोगों को लुभाकर वोट लेते हैं और बाद में मनमानी करते हैं। ऐसे लोगों को भी आम जनता आने वाले चुनाव में सबक सिखाने का कार्य करेगी। वहीं उन्होंने कहा कि अब इसाइयों को भी सरकार द्वारा यह डराया जा रहा है कि वे आदिवासी से इसाई बने है और उन्हें आरक्षण नही दिया जाएगा। इसके अलावा जनसभा में इसके अलावा जनसभा में पार्टी के महासचिव थॉमस सोरेंग ने संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक उपेक्षा के कारण नई पार्टी का गठन किया गया है, जो आदिवासी-मूलवासी के हक व अधिकार के लिए लड़ेगा। जिसका उद्देश्य न्याय, विकास,भाईचारा के साथ जीवन यापन, शांति व सौहार्द लाना है तथा बेरोजगारी, अन्याय, अत्याचार, भ्रष्ट्राचार को दूर करना है। ऐसे में सभी लोगों को एक मंच में आने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेंगेल के गठन का उद्देश्य लोगों को एक साथ जोड़ना तथा अपने हक व अधिकार के लिए लड़ना है। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित कर अपने विचार रखे।

मौके पर डॉ. केरूबिम तिर्की, त्योफिल डांग, सिबिल कंडुलना, बसंत समद, नामजन बागे, प्रसन्न लुगून, कुशल डुंगडुंग, बेंजामिन डांग, हीरालाल एक्का समेत अन्य कई लोगों ने जनसभा को सफल बनाने में सहयोग किया।


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