कैसे बने पीएम आवास, राशि है उपमुखिया के पास
मुकेश कुमार, पाकरटांड़ : प्रकृति की गोद में बसा पाकरटांड़ प्रखंड जनप्रतिनिधियों के मन
मुकेश कुमार, पाकरटांड़ : प्रकृति की गोद में बसा पाकरटांड़ प्रखंड जनप्रतिनिधियों के मनमाने रवैये से त्रस्त है। यहां सरकार की विकास योजनाएं धरातल से ज्यादा कागजों पर नजर आती है। प्रखंड के नवाटोली गांव में प्रधानमंत्री आवास योजनाएं अधूरी पड़ी हैं, जबकि उपमुखिया अमजद खान यहीं के निवासी हैं। ग्रामीण अधूरी योजनाओं के लिए उपमुखिया को ही दोषी ठहराते हैं। ग्रामीण कहते हैं कि उपमुखिया मेटेरियल सप्लाई के साथ भवन निर्माण करा देने की बात कहकर लाभुकों से सारे पैसे खुद ही रख लेते हैं। लाभुकों के साथ बैंक स्वयं जाते हैं और खाते से निकासी कराकर उनकी पूरी राशि ले लेते हैं। इतना ही नहीं लाभुकों को न तो खर्च का हिसाब देते हैं और न ही अन्य कोई जानकारी। इस संबंध में पीड़ित लाभुक रोशन तिर्की ने बताया कि अमजद खान पैसे निकासी के समय स्वयं उसके साथ जाता था। निकासी के उपरांत सारे पैसे स्वयं ले लेता था। अब तक एक लाख 10 हजार रुपये दिये जा चुके हैं। यहां तक कि मेटेरियल की हिसाब संबंधी कॉपी भी उन्हें नहीं दी गई है। वहीं सोहन चीक-बड़ाईक बताते हैं कि उन्हें तीन बार 26 हजार, 32 हजार तथा 52 हजार रुपये प्राप्त हुए थे, जिसे उपमुखिया अमजद खान ने ले लिया है। साथ ही कहते हैं कि उन्हें हिसाब तक नहीं दिया जाता है। जकरियस एक्का ने कहा कि अधूरे आवासों की जानकारी पुराने बीडीओ आफताब अहमद को भी थी लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया। इसके अलावा भी करीब आधा दर्जन आवास योजनाएं इस गांव में अधूरी पड़ी हैं। इनमें शांतियुस ¨कडो, छोटू लोहरा, जीवन टोप्पो सहित अन्य शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना सही है। लाभुक पैसे खर्च न कर दें इसलिए निकासी के लिए सभी को लेकर स्वयं बैंक जाता था। लाभुकों के पैसे मैं खुद पर खर्च नहीं करता बल्कि अपने पैसे लगाकर उन लोगों का घर पूर्ण करा रहा हूं।
अमजद खान-उपमुखिया, नवाटोली-पाकरटांड़