झारखंडी संस्कृति की पहचान है करमा का पर्व:उपायुक्त
सिमडेगा: शहर के अलबर्ट एक्का स्टेडियम में सोमवार को करमा के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्य
सिमडेगा: शहर के अलबर्ट एक्का स्टेडियम में सोमवार को करमा के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन झारखंड सांस्कृतिक संस्थान जिला इकाई सिमडेगा के तत्वावधान में किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उपायुक्त जटाशंकर चौधरी के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया। मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि आदिवासी संस्कृति की पहचान करमा पर्व है, जिसे पूरे झारखंड में काफी उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष करमा का पर्व 20 सितंबर को मनाया जाएगा। कहा कि करमा पर्व एक उदाहरण है जो यह बताता है कि झारखंड में आदिवासी संस्कृति की जड़ें कितनी गहरी है। उन्होंने यह भी कहा कि करमा पर्व भाई-बहन का त्योहार है, जिसे हर्षोल्लास के साथ गांव-गांव में मनाया जाता है।उन्होंने संस्थान के लोगों को आश्वस्त किया कि त्यौहार के अवसर पर कलाकारों को प्रोत्साहन हेतु धोती-साड़ी, मांदर, नगाड़ा आदि दिए जाने के लिए वे सरकार को पत्र लिखेंगे। उन्होंने आयोजन समिति को कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यावाद दिया। तत्पश्चात मधुर मंसूरी हंसमुख, जगदीश बड़ाईक आदि के द्वारा कई लोक गीत प्रस्तुत कर लोगों को इसके सुर में थिरकने को विवश कर दिया। इसके पूर्व कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे अतिथियों का प्रतिभागी सभी 34 टीम के सदस्यों के द्वारा पारंपारिक ढंग से स्टेडियम के मुख्य द्वारा से स्वागत करते हुए कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। साथ ही सभी अतिथि व कलाकारों को शौल ओढ़ाकर तथा बैच पहनाकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के आयोजन में आयोजक विद्या बड़ाईक, बसंत बा: व अन्य लोगों से योगदान दिया। मौके पर नप अध्यक्ष पुष्पा कुल्लू के अलावा अन्य अतिथगण मौजूद थे। इधर, करमा पूर्व संध्या कार्यक्रम के दौरान कई सांस्कृतिक नृत्य संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में जिले भर से कुल 34 टीमों ने भाग लिया। जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले टीम को पुरस्कृत किया गया।