संस्थागत प्रसव सुविधा से 32 प्रतिशत माताएं वंचित
सिमडेगा : झारखंड के सबसे सघन 70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति आबादी वाले सिमडेगा जिला में आज भी 3
सिमडेगा : झारखंड के सबसे सघन 70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति आबादी वाले सिमडेगा जिला में आज भी 32 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को संस्थागत व सुरक्षित प्रसव की सुविधा नहीं मिल पाती। विदित हो कि पंजीयन कराने के बाद से ही महिलाओं को जांच से लेकर प्रसव तक की निश्शुल्क सुविधा दी जाती है। इतना हीं नहीं प्रसव उपरांत महिलाओं को 1400 रुपये भी सहयोग स्वरूप दिया जाता है। परंतु जानकारी या जागरूकता के अभाव में महिलाएं अस्पताल तक नहीं पहुंच पाती और लाभ से वंचित हो जाती हैं। जबकि कई बार जोखिम लेकर महिलाओं को घरों में रखकर ही प्रसव कराया जाता है। जो जच्चा-बच्चा दोनों के लिए ही खतरनाक साबित होता है। विदित हो कि सक्षम व जागरूक लोग तो जिले के बाहर जाकर भी जांच या उपचार करा लेते हैं, लेकिन सुदूरवर्ती ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले लोग पीड़िता को समय से पहले अस्पताल में नहीं पहुंचा पाते। कई बार ये स्थिति जान पर ही बन आती है। पूर्व में ग्रामीण क्षेत्र से महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए ममता वाहन की भी व्यवस्था की गई थी, परंतु कम किराया मिलने के बाद अब वाहन संचालकों ने भी अपना हाथ खींच लिया है। इधर जिले के सिविल सर्जन डॉ.प्रमोद कुमार सिन्हा कहते हैं, कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए और कई प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने सहिया एवं ग्राम स्वास्थ्य समिति को भी और सक्रिय करने की बात कही। इसके लिए उन्होंने जिला कार्यक्रम समन्वयक को और भी प्रभावी ढंग से कार्य करने की बात कही। जिससे प्रसव पीड़िता को संस्थागत प्रसव की योजना से पूरी तरह लाभान्वित एवं आच्छादित कराया जा सके। 451 गांवों में गठित है समिति सिमडेगा:जिले में 451 ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति बनी हुई है।जिसमें सचिव सहिया होती हैं, वहीं इसमें 18लोग सदस्य
होते हैं। नाम के अनुसार समिति को स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण पर विशेर नजर रखते हुए कार्य करना है, परंतु अधिकांश समितियों की निष्क्रियता के कारण इसके गठन का वास्तविक उद्देश्य पूरा होता। इसी प्रकार जिले में 764 सहियाएं हैं, जिनपर भी ग्रामीणों की स्वास्थ्य की एक बड़ी जिम्मेवारी है। मोटरसाइकिल एंबुलेंस की योजना
सिमडेगा : जिले के सुदुरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से प्रसव पीड़ितों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए मोटरसाइकिल एंबुलेंस की योजना पर स्वास्थ्य विभाग जुटा हुआ है। जिससें वैसे ग्रामीण क्षेत्र से प्रसव पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया जाएगा, जहां चारपहिया वाहन नहीं पहुंच पाते।