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मानव तस्करी की आरोपित प्रभा मुनि की पूरी कुंडली खंगालने में जुटी पुलिस

एसपी ने कहा कि प्रभा मुनि ने कई अहम बात बताई हैं, जिसकी छानबीन पुलिस कर रही है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 12:46 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 07:18 PM (IST)
मानव तस्करी की आरोपित प्रभा मुनि की पूरी कुंडली खंगालने में जुटी पुलिस
मानव तस्करी की आरोपित प्रभा मुनि की पूरी कुंडली खंगालने में जुटी पुलिस

सिमडेगा, जेएनएन। मानव तस्करी के आरोप में प्रभा मुनि को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली से सिमडेगा लाने के बाद पुलिस उसकी पूरी कुंडली को खंगालने में जुट गई है। मानव तस्करी के क्षेत्र में उसके फैले अवैध करोबार व नेटवर्क को तलाशने में पुलिस पूरी शिद्दत से जुट गई है। इसी क्रम में एसपी संजीव कुमार व डीएसपी नौशाद आलम ने सिमडेगा थाना में कड़ी सुरक्षा के बीच उससे घंटों पूछताछ की।

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एसपी ने कहा कि प्रभा मुनि ने कई अहम बात बताई हैं, जिसकी छानबीन पुलिस कर रही है। वहीं, उन्होंने कहा
कि पूरी जांच के उपरांत प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रभा मुनि मूल रूप छत्तीसगढ़ के जसपुर की रहने वाली है। एसपी ने बताया कि प्रभा मुनि के बारे में वे लगातार पूछताछ व पड़ताल करा रहे हैं।

गौरतलब है कि सिमडेगा केएएचटीयू थाना में प्रभा मुनि के विरुद्ध एक ही मामला दर्ज है, लेकिन सूत्रों की मानें तो उसके अपने बड़े नेटवर्क हैं, जिसके  माध्यम से मानव तस्करी का वह अवैध करोबार चलाती है। जो जांच के बाद ही सामने आ पाएगा।

पढ़ाई के नाम पर दस साल की मासूम को ले गई, कर दिया था सौदा
दिल्ली में गिरफ्तार मानव तस्कर प्रभा मुनि के विरुद्ध गुमला जिले के बसिया थाने में भी 10 अक्टूबर 2012 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी बसिया थाना क्षेत्र के रामडीह डाई टोली निवासी एक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया था कि उनकी दस साल की बेटी को कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन के नाम पर ले जाया गया और दिल्ली में ले जाकर उसका सौदा कर दिया गया। यह मामला अब तक अनुसंधान के अधीन है।

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, शिकायतकर्ता के घर पर 12 जुलाई 2007 को गीता देवी, मरीस रौशन व बबली कुमारी पहुंचे। उस वक्त उनकी पुत्री दस साल की थी। आरोपितों ने कहा कि बच्ची का नाम वे लोग कस्तूरबा आवासीय स्कूल कामडारा में लिखवा देंगे। इसके बाद विश्वास में लेकर वे लोग बच्ची को ले गए। एक सप्ताह के बाद परिजन जब कस्तूरबा विद्यालय पहुंचे तो वहां बच्ची का नाम ही अंकित नहीं था। बाद में पता चला कि बच्ची को दिल्ली में ले जाकर बेच दिया गया है। तब दिल्ली गए तो एनजीओ की मदद से छानबीन में बच्ची की खरीद-बिक्री के बारे में जानकारी मिली।

इन पर दर्ज कराई थी नामजद प्राथमिकी
- गीता देवी : पति अमर बड़ाईक, रामडीह, कामडारा, गुमला।
- मरीस रौशन : सिलम हरिजन बस्ती, रायडीह, गुमला।
- बबली कुमारी : सिलम हरिजन बस्ती, रायडीह, गुमला।
- गीता : पिता दुर्जन बड़ाईक, लसिया किन्नीकला, बसिया, गुमला।
- प्रवीण कुमार सिंह : देसरी, वैशाली, बिहार।
- बामदेव : 48/72 पश्चिमी पंजाबी बाग, दिल्ली।
- रोहित मुनी : 48/72 पश्चिमी पंजाबी बाग, दिल्ली।
- प्रभा मुनी : पति रोहित मुनी, 48/72 पश्चिमी पंजाबी बाग, दिल्ली।

सिमडेगा में भी 2013 को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
सिमडेगा के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थाने में छह मई 2013 को मानव तस्करी, बाल श्रम आदि के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें भी दिल्ली के गोपाल बारला, लता लकड़ा, बीएस आजाद, प्रभा मुनी व रोहित मुनी आरोपित किए गए थे। यह मामला भी अब तक अनुसंधान के अधीन है।

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