जिले में जंगली हाथी बने यमराज, वर्ष भर में ली 7 की जान
सिमडेगा : जिले में जंगली हाथी यमराज साबित हो रहे हैं। इस वर्ष ही जंगली हाथियों ने 7 लोगों
सिमडेगा : जिले में जंगली हाथी यमराज साबित हो रहे हैं। इस वर्ष ही जंगली हाथियों ने 7 लोगों की जान ली है। इतना ही नहीं,जंगली हाथियों ने इस वर्ष करीब 100 घरों को भी क्षतिग्रस्त किया है। करीब 9 हेक्टेयर में लगी फसलों को बर्बाद किया है। हाथियों का आतंक का आलम यह है कि जिले के बोलबा, जलडेगा, केरसई, बानो आदि क्षेत्रों में सालों पर लोग जान-मान का नुकसान उठाते रहे हैं। परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि चाहे विभाग हो या सरकार, किसी भी स्तर से इस पर अंकुश लगाने के लिए सार्थक पहल नहीं की गई है। जिससे कम-से-कम लोगों को जान नहीं गंवानी पड़े। विदित हो कि हाथियों के हमले में पूर्व में लोगों की दर्जनों जानें गई हैं। इतना ही नहीं हाथियों के द्वारा घर व फसल बर्बाद करने की स्थिति में लोगों को सिर छुपाने के साथ-साथ दो जून की रोटी के लिए भी तरसना व भटकना पड़ता है। कई बार तो लोग अपने घर को छोड़कर पक्के सरकारी भवनों या अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण लेते हैं। इधर हाथियों को भगाने के लिए जिले में हाथी भगाओ दस्ता को प्रशिक्षित कर तैयार करना था परंतु यह कार्य भी अबतक लंबित है। गांवों में जब हाथी आ धमकते है, तो गांव वाले मिलकर ही हाथी को भगाने के लिए जान जोखिम में डालते हैं। कई बार यह स्थिति घातक भी साबित हुआ है। ऐसे में इस दिशा में सार्थक पहल करने की सख्त जरूरत है। -----हाथियों के हमले में गर्ई 7 जानें
वर्ष 2017 में हाथी के हमले में जिन लोगों की जानें गईं, उनमें आशीष कंडायबुरू जोरोबाड़ी बानो, मांझी देवी कुलामारा जलडेगा ,गंगटी लुगून जामुरसोया बानो, सेरनुस इंदवार हुटुबदा जलडेगा, भिनसारी देवी, बेंदोसेरा जलडेगा, मुगल बड़ाईक ओड़गा चीकटोली तथा सुरेश केरकेट्टा तलमंगा बोलबा निवासी शामिल हैं। वहीं केरसई के सरहापानी बढ़नीजोर में एक व्यक्ति सरवन नायक घायल हुआ। मृतकों के आश्रितों को मिले 4-4 लाख
हाथी हमले में मारे गए 6 लोगों के आश्रितों को को 4-4 लाख रुपये मुआवजा राशि दी गई है। वहीं एक मामले में रिपोर्ट बनने के बाद भुगतान किया जाएगा। वहीं विभाग द्वारा इस वर्ष अब तक हाथी प्रभावित लोगों के बीच कुल 63.143 लाख की मुआवजा राशि का वितरण किया गया है। जिसमें घर, फसल आदि के नुकसान झेलने वाले ग्रामीण शामिल हैं। -----बेहतर पहल का करूंगा प्रयास : डीएफओ
हाथियों के अक्रामकता के सवाल पर डीएफओ प्रवेश अग्रवाल ने कहा कि जिले में हाथियों का प्रवास होता है। वे प्रतिदिन करीब 25 किमी का भ्रमण करते हैं। विभाग अपनी ओर से लोगों को जागरूक करता है। लोगों को भी एहतियात बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा जल्द ही जिले में और फोरेस्टर की नियुक्ति होगी, जिसके बाद इस दिशा में और बेहतर ढंग से कार्य किया जाएगा। ----बड़ा मुद्दा रहा है हाथी प्रभावितों की समस्या
जिले में हाथी प्रभावितों की समस्या भी बड़ा मुद्दा रहा है। कई बार राजनीतिक दल भी इस मुद्दे को लेकर धरना,प्रदर्शन करते रहे रहे हैं। अब जब कोलेबिरा विधानसभा चुनाव हो रहा है तो ग्रामीणों की समस्याओं से जुड़ा यह बड़ा मुद्दा गौण होता दिख रहा है। कोई भी दल या प्रत्याशी इसके निराकरण के लिए पहल करने की बात नहीं कर रहे हैं।