जिले की महिलाएं बनी रही हैं स्कूल ड्रेस
सिमडेगाशिक्षा विभाग ने इस बार जिले में पहली बार अनूठी पहल करते हुए महिलाओं को स्वावलंबन
सिमडेगा:शिक्षा विभाग ने इस बार जिले में पहली बार अनूठी पहल करते हुए महिलाओं को स्वावलंबन की राह प्रशस्त करने में जुटा है।
विभाग ने इस बार कक्षा 1 से 5 तक की छात्राओं का पोषाक निर्माण के लिए महिला स्वयंसहायता समूह की महिलाओं को जिम्मेवारी सौंपी है। 17 समूह की करीब 150 से अधिक महिलाओं द्वारा 18704 पोशाक तैयार की जा रही है। अब तक इन महिलाएं 500 से भी अधिक पोशाक बना चुकी हैं। विदित हो कि घर बैठे काम मिलने से जहां समूह की महिलाओं में खुशी हैं,तो दूसरी ओर गर्व भी कि अब उनके द्वारा बनाए गए यूनिफॉर्म में अब छात्राएं स्कूल में दिखेंगी। सिलाई-कढ़ाई में दक्ष महिलाएं अब रात-दिन मेहनत कर छात्राओं के यूनिफॉर्म बनानें जुट गई हैं। इस बाबत एपीओ सुभाष हेम्ब्रम ने बताया कि राज्य परियोजना के निर्देश के आलोक में यह निर्णय लिया गया है। जिसके तहत जिले में महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 795 विद्यालयों के कक्षा 1-5 तक की छात्राओं के लिए दो सेट में पोशाक बनाने के लिए जिम्मेवारी दी गई है। इस तरह से जहां छात्राओं को बेहतर सिलाई वाले पोशाक मिलेंगे तो वहीं दूसरी
ओर महिलाओं को स्वरोजगार भी मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि एक सेट पोशाक बनाने के लिए 50 रुपये देने का प्रावधान है। इन समूहों को मिली जिम्मेवारी
सिमडेगा:पोशाक बनाने के लिए जिन समूहों को जिम्मेवारी दी गई है, उनमें जीवन ज्योती उद्यमी मंडल, केरसई, सूई धागा उद्यमी मंडल केरसई,
दीक्षा सिलाई उद्यमी मंडल, सिमडेगा, पिथरा सिलाई उद्यमी मंडल, सिमडेगा, मिस्सी कला विकास उद्यमी मंडल सिमडेगा, महात्मा गांधी उद्यमी मंडल सिमडेगा, उजाला उद्यमी मंडल जलडेगा, कान्हा उद्यमी मंडल कुरडेग, लक्ष्मी उद्यमी मंडल तरगा , कस्तूरबा उद्यमी मंडल बानो, सरस्वती उद्यमी मंडल, ठेठईटांगर, लक्ष्मी सिलाई उद्यमी मंडल, ठेठईटांगर के साथ-साथ सखी स्वयं सहायता समूह, आयश स्वयं सहायता समूह, महाविश स्वयं सहायता समूह, गुलाब स्वयं सहायता समूह, प्रगति स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। काम मिलने से महिलाएं खुश
सिमडेगा:दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर परिषद् कार्यालय के समीप अपने दुकान में यूनिफार्म बना रहीं रूबी खातून, पमी खातून, आयशा खातून, सुशाना समद, एवं बसंती देवी ने बताया कि सरकार की मिली मदद के बाद वह बेहतर कार्य कर रहीं हैं। इस काम से वे सभी खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे अच्छी आमदनी होगी। वहीं नगर मिशन प्रबंधक राहिल डुंगडुंग ने बताया कि प्रत्येक महिला प्रतिदिन इस कार्य से 250 से 300 रुपये तक की आय निश्चित रूप से होगी।