जिला पशुपालन विभाग करेगा साढ़े चार करोड़ सरेंडर
सिमडेगासरकार की उदासीन व सुस्त रवैया के कारण जिले में विगत तीन महीने से जिला पशुपालन क
सिमडेगा:सरकार की उदासीन व सुस्त रवैया के कारण जिले में विगत तीन महीने से जिला पशुपालन का पद रिक्त है। जिसके कारण जनता से जुड़े हुए कार्य न सिर्फ लंबित हैं, बल्कि अब तो सैंकड़ों लाभुकों का करोड़ों की राशि भी लगभग लैप्स कर जाएगी।जानकारी के मुताबिक विभिन्न योजनाओं के लिए जिले के आवंटित 4,54,65,940 रुपये का सरेंडर होना अब तय है। स्थिति यह है कि राशि कराने के लिए भी सक्षम पदाधिकारी नहीं है।विभाग लेखापाल के माध्यम से उक्त राशि को सरेंडर कराने के लिए आवश्यक प्रक्रिया में जुटा हुआ है। विदित हो कि इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि राशि की उपलब्धता के बावजूद जनता का कार्य व योजना
को गति नहीं दी जा सकी। अब साढ़े चार करोड़ की राशि लैप्स होने वाली है। विदित हो कि जिन योजनाओं में राशि लैप्स होगी,उनमें
आईपीपीपी मांस उत्पादन की योजना में 89 यूनिट के लिए 1,0012500 रुपये,आईपीपीपी अंडा उत्पादन के लिए 98 यूनिट के लिए
52 लाख रुपये, सुकर विकास योजना के 112 यूनिट के लिए 29 लाख,बकरा विकास योजना के तहत 382 यूनिट के लिए 64,17600
रुपये,मुर्गी पालन से संबंधित अन्य योजनाओं के 69 यूनिट के लिए 2,0935040 रुपये शामिल है। इस प्रकार देखें तो सैंकड़ों लाभुकों
के लिए साढ़े चार करोड़ से अधिक की राशि शामिल हैं। विदित हो कि राशि का सदुपयोग नहीं होने से विभाग की सारी योजना धरी
की धरी रह गई। इसका लाभ जरूरतमंद लाभुकों को नहीं मिल सका। ऐसे में देख जा सकता है कि विकास के जरूरी कार्यों पर विभाग
व सरकार कितना गंभीर है। जनवरी से बंद है वित्तीय कार्य
सिमडेगा:जिला पशुपालन पदाधिकारी का पद विगत 31 दिसंबर से रिक्त है।डॉ.गोविद प्रसाद गत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं। तब से स्वतंत्र रूप से किसी जिला पशुपालन पदाधिकारी का पदस्थापन नहीं हुआ है। फिलहाल वित्तीय कार्य के अलावा अन्य संबंधित कार्य के लिए पशु शल्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.अमिताभ धर को दैनिक प्रभार दिया गया है।स्थिति यह है कि आफिस व फिल्ड के कर्मियों को भी विगत जनवरी-फरवरी माह का वेतन नहीं मिला है। निजी वैक्सीनेटरों का भुगतान लंबित
सिमडेगा:खुरहा-मुंहपका व पीपीआर का टीकाकरण करने वाले करीब 50 निजी वैक्सिनेटरों का मानदेय भी नहीं मिल पाया है। उन्हें प्रति वैक्सिन लगाने के लिए 1 से 1.2 रुपये का भुगतान किया जाना है। भुगतान नहीं होने से उनमें में भी निराशा है।राशि सरेंडर होने के बाद उनका भुगतान भी फिलहाल नहीं हो पाएगा। व्यय हेतु नहीं हैं सक्षम पदाधिकारी:डॉ.रविनंदन
सिमडेगा:चलंत पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ.रविनंदन ने कहा कि योजना की राशि भी फरवरी में आवंटित हुई है। जबकि राशि की निकासी के लिए सक्षम पदाधिकारी को अधिकृत नहीं किया गया है। जिसके कारण राशि अब सरेंडर करनी पड़ेगी, जिससे विकास के कार्यों पर
तो निश्चित रूप से असर पड़ेगा।