धर्मांतरण के लिए मारपीट, चार गए जेल
बोलबा : प्रखंड अवगा पोंड़खेर निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग सोमारु मांझी के द्वारा अपने बेटी ,उसके प्रेमी और दो ईसाई धर्म प्रचारकों के द्वारा सरना धर्म से ईसाई धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने और मारपीट करने की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बोलबा : प्रखंड अवगा पोंड़खेर निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग सोमारु मांझी के द्वारा अपने बेटी ,उसके प्रेमी और दो ईसाई धर्म प्रचारकों के द्वारा सरना धर्म से ईसाई धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने और मारपीट करने की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। भाजपा सरकार के द्वारा बनाए गए धर्म स्वातंत्रय विधेयक के तहत बोलबा प्रखंड में पहली बार स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज करके ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया।
इस मामले में बोलबा थाना प्रभारी रवि शंकर ने बताया कि गत 29 मई को अवगा पोंड़खेर निवासी सोमारू मांझी ने पंचायत के मुखिया एवं अपने गांव के कई लोगों के साथ थाना में आकर शिकायत की थी। उसने कहा था कि उसकी बेटी,उसका प्रेमी और दो ईसाई धर्म प्रचारक मिलकर उसे सरना धर्म त्याग कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए बहुत दबाव बना रहे हैं। इन लोगों ने उसके घर पर ही ईसाई धर्म अपनाने के लिए लाठी-डंडे से और लात-मुक्के से पिटा। उसे गांववालों ने बचाया। गांववालों के सहयोग से वह थाना पहुंचा।
उसने बताया कि कुरडेग प्रखंड के हेठमा निवासी रूपेश मांझी उनकी बेटी से प्यार करता है। वह ईसाई धर्म मानता है। उसकी बेटी भी उसके चक्कर में ईसाई धर्म को मानने लगी है। कुंदुरमुंडा अंबाटोली निवासी और ईसाई धर्म प्रचारक सुदर्शन मांझी और अवगा पोंड़खेर के नीलम देवी ने भी उस पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया। बेटी और उसका प्रेमी 30 मई को ईसाई संस्कृति से शादी करना चाहते थे,परंतु मैंने सरना धर्म के तहत ही शादी करने की बात कही। साथ ही कहा कि वे अपने पूर्वजों का सरना धर्म नहीं बदलूंगा। इसके बाद चारों ने मिलकर उसकी पिटाई की।
सोमारू मांझी के द्वारा मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस ने त्वरित कारर्वाई करके आरोपी सुमंती कुमारी,रूपेश मांझी,सुदरशन मांझी और नीलम देवी को जेल भेज दिया।
विदित हो कि बोलबा प्रखंड में धर्मांतरण के कई चर्चे कई माह से सुनने को मिल रहे थे,परंतु पहली बार मामला दर्ज होने और त्वरित कार्रवाई से धर्मांतरण के कार्य में लगे लोगों में हड़कंप है।