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बाल संरक्षण आयोग ने कहा, भूख व मलेरिया से हुई संतोषी की मौत

झारखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा है कि संतोषी की मौत का कारण भूख भी है और मलेरिया भी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 24 Oct 2017 11:12 AM (IST)Updated: Tue, 24 Oct 2017 11:12 AM (IST)
बाल संरक्षण आयोग ने कहा, भूख व मलेरिया से हुई संतोषी की मौत
बाल संरक्षण आयोग ने कहा, भूख व मलेरिया से हुई संतोषी की मौत

जागरण संवाददाता, सिमडेगा। झारखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा है कि पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कोयली देवी की बेटी संतोषी कुमारी की मौत का कारण भूख भी है और मलेरिया भी।

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उन्होंने कहा कि यह सच है कि संतोषी व उनके परिजन के पास खाने को कुछ नहीं था। स्थानीय झोलाछाप सत्यनारायण सिंह ने बच्ची की जांच की थी जिसमें मलेरिया पाया गया था। संतोषी को काफी तेज बुखार था। यही कारण है कि संतोषी की मौत के पीछे उक्त दोनों कारण नजर आते हैं।

आरती सोमवार को अपनी टीम के साथ कारीमाटी गांव (सिमडेगा, झारखंड) पहुंच संतोषी के परिजनों से घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद पत्रकारों से बात कर रही थीं। उधर एसडीओ, थाना प्रभारी व बीडीओ ने जब उन्हें बताया कि शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है तो उन्होंने कहा कि इतनी बडी घटना घट गई और शव का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ। इससे ऐसा लगता है कि मामले को दबाने का प्रयास किया गया है।

वहीं, कारीमाटी गांव पहुंची आयोग की टीम को बच्ची संतोषी की मां कोयली देवी ने बताया कि कई दिनों से उसके घर के किसी भी सदस्य को काम नहीं मिल रहा था। इससे उनके पास राशन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। आठ दिनों से वे लोग भूखे थे। संतोषी ने भूख लगने की बात कहते हुए खाना मांगा था, लेकिन घर में खाने के लिए कुछ था ही नहीं। आखिरकार उसकी जान चली गई।

संतोषी की बहन ने की थी राशन कार्ड के लिए पैसे मांगे जाने की शिकायत

बाल संरक्षण आयोग की टीम के समक्ष वार्ड सदस्य जुलियानी डांग ने बताया कि संतोषी की बहन गुडि़या ने ग्रामसभा में शिकायत की थी कि राशन कार्ड बनाने के लिए पैसे की मांग की जा रही है। पैसे नहीं दे पाने के कारण आज तक उसका कार्ड नहीं बन पाया।

आंगनबाड़ी केंद्र में मिलीं एक्सपायरी दवाएं

झारखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने सोमवार को कारीमाटी में संतोषी के परिजनों से घटना की जानकारी लेने के बाद स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि केंद्र में बच्चों को देने वाली दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं। दवाएं मार्च, 2015 में एक्सपायर हुई थीं।

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