चायवाला बेच रहा आलू-प्याज, मोची लगा रहा सब्जी दुकान
मनोरंजन कुमार गुप्ता ठेठईटांगर अक्सर कहा जाता है कि हिम्मत और हौंसला हो तो प्रतिकूल
मनोरंजन कुमार गुप्ता, ठेठईटांगर: अक्सर कहा जाता है कि हिम्मत और हौंसला हो तो प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अनुकूल बनाया जा सकता है। कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों से लेकर आम जन भी रोजी-रोजगार छीनने से पूरी तरह हलकान हैं। लेकिन इन सबके बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार किया है। पिछले 2 माह से कोरोना को लेकर लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। कई परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। यही हाल दो परिवारों था। जिनमें से एक-एक परिवार अपनी जीविका चलाने के लिए मोची की दुकान खोले थे, जो दूसरों के चप्पल जूता पॉलिश कर और मरम्मत कर अपना परिवार चला रहा था। मगर लॉकडाउन के बाद इनकी हालत इतनी खराब हो गई दुकान बंद हो गया परिवार चलाने की दिक्कत हुई तो यहां के लोग इनकी मदद के लिए आगे बढ़े। और खाने पीने के लिए राशन और कुछ पैसा भी दिए। यह परिवार जनवरी माह में अपने घर तोरपा से ठेठईटांगर आया था। टिकू राम ने बताया की तोरपा में मोची का काम किया करता था,मगर वहां काम नहीं चलने के कारण ठेठईटांगर जनवरी माह में आया और इसे जगह स्थान खोजने में लगभग 1 माह बीत गए और फरवरी माह में पुन: काम शुरू भी हुआ।तभी 22 मार्च से लॉक डाउन शुरू हो गया और इसकी स्थिति खराब हो गई थी। तभी गांव वालों ने इसे चंदा करके मदद की और टिकू राम ने अपनी जीविका चलाने के लिए सब्जी लाकर व गांव- गांव घूमकर बेचना शुरू किया और अभी स्थिति उनकी सुधार हो गई है। जुदाई केसरी प्रखंड के चौराहे पर प्रत्येक दिन चार्ट और पानीपूरी बनाकर लोगों के बीच प्रसिद्ध था और उनका चार्ट का दुकान अच्छा खासा चल रहा था। मगर इस लॉक डॉन के कारण दुकान बंद हो गया।फिर उसने कुछ किराना का सामान लेकर अपने घर के सामने बैठ गया ताकि इसकी परिवार का जीविका चल सके। इस प्रकार से मनीष कुमार चायवाला पूरा फेमस था।ब्लॉक स्टाफ हो या थाना स्टाफ या ठेठईटांगर चौक के लोग उनके पास चाय पीने के लिए जरूर पहुंचते थे और उनका चाय इतना फेमस था कि वह सुबह 4 से लेकर 10 बजे तक और शाम को 4 बजे से लेकर रात 10 बजे तक चाय का दुकान खुला रहता था।लॉकडाउन के बाद वह भी आलू प्याज और मिर्चा लहसुन आदि बाजार हाट में बेचकर अपना परिवार का जीविका चला रहा है।ऐसे ही कुछ अन्य परिवार भी हैं, जो लॉकडाउन में अपना व्यवसाय बदल दिया है।