पीएम को भी गच्चा दे गया बीएसएनएल, नहीं हो सकी रानी मिस्त्री से बात
सिमडेगा : भाई साहब नहीं लगेगा कि बदनाम छवि से बाहर निकलने का झारखंड बीएसएनएल में कोई
सिमडेगा : भाई साहब नहीं लगेगा कि बदनाम छवि से बाहर निकलने का झारखंड बीएसएनएल में कोई उत्साह ही नहीं। अगर छवि बदलने का कोई मौका भी मिले तो निरुत्साहीकर्मी बदनाम छवि ही मजबूत करते हैं। बीएसएनएल की इसी अकर्मण्यता के कारण तीन दिनों में दूसरी बार प्रधानमंत्री झारखंड के लोगों से रूबरू नहीं हो सके। शनिवार को पीएम से संवाद कार्यक्रम के तहत उन्हें सिमडेगा की रानी मिस्त्रियों से बात करनी थी। जिले के सदर प्रखंड के बंगरू में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। यहां स्वच्छ भारत मिशन में योगदान व शौचालय निर्माण की जानकारी पीएम से साझा करने के लिए अनिता बा के नेतृत्व में 40 रानी मिस्त्रियां व एसएचजी की सैकड़ों महिलाएं मौजूद थीं। ऐन वक्त पर बीएसएनएल का ऑनलाइन संबंध विच्छेद हो गया, और स्क्रीन के सामने बैंठी रानी मिस्त्री इस्त्रांती लुगून पीएम को जोहार नहीं कह सकी। ऑनलाइन कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था बीएसएनएल व एनआइसी के अधिकारी व कर्मियों ने संभाल रखी थी। लिंक फेल होने के कारण वीडियो कांफ्रेंसिंग नहीं हो सकी, और महिलाओं को निराश होना पड़ा। कुछ ऐसा ही 13 सितंबर को रामगढ़ में भी हुआ था। जहां प्रधानमंत्री को भाजपा कार्यकर्ताओं से मुखातिब होना था लेकिन बीएसएनएल की अक्षमता के कारण कार्यक्रम हजारीबाग सिफ्ट करना पड़ा था। सिमडेगा में प्रधानमंत्री से बात नहीं होने के बाद कार्यक्रम स्थल पर मौजूद अधिकारियों ने औपचारिकता पूरी करते हुए रानी मिस्त्रियों से स्वच्छता गीत व शपथ पत्र पढ़वाया। क्या थी व्यवस्था बड़े से वाटर प्रूफ पंडाल में आयोजित कार्यक्रम में एनआइसी की ओर से दो बड़े स्क्रीन की व्यवस्था की गई थी। एक बड़े स्क्रीन पर दूरदर्शन का लाइव प्रसारण दिखाया जा रहा था। वहीं दूसरे स्क्रीन को ऑनलाइन संवाद के लिए निर्धारित किया गया था। लेकिन जब सिमडेगा की बारी आने ही वाली थी, कि बीएसएल का ऑनलाइन ¨लक फेल हो गया। इसके बाद कर्मियों के होश उड़ गए, उन्होंने प्रयास किया पर असफल रहे। इधर कार्यक्रम से लोगों काफी निराशा हुए, लोगों ने जिले में बीएसएनएल की स्थिति पर जमकर भड़ास निकाला। कहा कि प्रधानमंत्री से जुड़े कार्यक्रम में जब बीएसएनएल सेवा नहीं दे सका, तो आम लोगों को वह कैसी सेवा दे रहा होगा, समझा जा सकता है। कोट
व्यवस्था को लेकर मैं पूरी तरह मुस्तैद थे, बीएसएनएल के अधिकारियों को भी कई बार पत्र व बातचीत के माध्यम व्यवस्था दुरुस्त रखने को कहा था। बावजूद वे समय पर व्यवस्था देने में असफल साबित हुए।
जटाशकर चौधरी, उपायुक्त - सिमडेगा कोट
लिंक सही था, परंतु अंतिम समय में कैसे कट गया, कह नहीं सकते।
एसके पटनायक, बीएसएनएल डिविजनल इंजीनियर, सिमडेगा