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सिमडेगा के बाजार में छाया भुसावल का केला

सिमडेगा फलों में केला सभी को प्रिय है सालों भी इसकी मांग रहती है। त्योहारों में त

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 08:55 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 08:55 PM (IST)
सिमडेगा के बाजार में छाया भुसावल का केला
सिमडेगा के बाजार में छाया भुसावल का केला

सिमडेगा : फलों में केला सभी को प्रिय है, सालों भी इसकी मांग रहती है। त्योहारों में तो खासकर इसकी मांग बढ़ जाती है। जिले में केला की आपूर्ति महाराष्ट्र के भुसावल से होती है। अच्छी गुणवत्ता के कारण जिले में इसे काफी पसंद किया जाता है। सिमडेगा ही नहीं इससे लगते ओडिशा के कई जिलों में भी इस केले की मांग है। इन जिलों में सिमडेगा से ही इस केले की आपूर्ति होती है। व्यपारियों की मानें तो प्रत्येक महीने करीब 70 टन यानी 700 क्विटल केले की खपत जिले में होती है। जिले के व्यवसायी बड़े मालवाहक ट्रक के माध्यम से भुसावल से केले मंगवाते हैं। व्यवसायी सत्येन्द्र केशरी बताते हैं कि अभी महाराष्ट्र में 10 रुपये किलो के दर से केले की खरीददारी की जाती है। जबकि 4-5 रुपये प्रति किलो ढुलाई पर खर्च होता है। इसके अलावा लोडिग, अनलोडिग के साथ-साथ कच्चे केले के भंडारण से लेकर पकाने तक भी व्यय होता है। पकने के बाद केले को स्थानीय बाजार में करीब 40 रुपये प्रतिकिलो की दर से बेचा जाता है। भुसावल का केला प्रसिद्ध सिमडेगा:भुसावल का केला व्यसायियों के साथ-साथ आम लोगों के लिए मनपसंद माना जाता है। यह साइज में बड़ा व आकर्षक होता है, जबकि चिनिया केला का स्वाद मीठा तो होता है, परंतु यह साइज में काफी छोटा होता है। बड़े पैमाने पर नहीं होती केले की खेती

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सिमडेगा : जिले में केले की खेती तो होती है, परंतु अभी यह व्यवसायिक रूप नहीं ले सका है। स्थानीय स्तर पर इस कृषि क्षेत्र में सुविधा, प्रोत्साहन व मार्गदर्शन दिया जाए, तो सिमडेगा भी केला उत्पादन का महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।


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