कामना घट में देखा गया मडी पानी, क्षेत्र के लिए अच्छी बारिश का सूचक : आदित्य सिंहदेव
कामना घट उठाव के साथ गुरुवार को सरायकेला क्षेत्र का प्रसिद्ध पर्व चड़क पूजा का समापन हुआ। इस अवसर पर गुरुवार की सुबह डेली मार्केट स्थित प्राचीन शिवालय से कामना घट निकाला गया। इसके बाद पाट भोक्ताओं ने परंपरा अनुसार सरायकेला के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव को राजमहल में कामना घट दिखाया..
जागरण संवाददाता, सरायकेला : कामना घट उठाव के साथ गुरुवार को सरायकेला क्षेत्र का प्रसिद्ध पर्व चड़क पूजा का समापन हुआ। इस अवसर पर गुरुवार की सुबह डेली मार्केट स्थित प्राचीन शिवालय से कामना घट निकाला गया। इसके बाद पाट भोक्ताओं ने परंपरा अनुसार सरायकेला के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव को राजमहल में कामना घट दिखाया। कामना घट के जल को देखने के बाद पुजारी की उपस्थिति में सरायकेला क्षेत्र के लिए वार्षिक भविष्यवाणी की गई। राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव ने बताया कि कामना घट में इस वर्ष मडी पानी देखा गया है, जो क्षेत्र के लिए अच्छी बारिश का सूचक है। इस वर्ष क्षेत्र में अच्छी बारिश होगी। कृषि कार्य की अच्छी संभावना बन रही है। ज्ञात हो कि घट पाट परंपरा के तहत प्रत्येक वर्ष समापन के दिन पाट भोक्ताओं द्वारा प्राचीन शिवालय के प्रांगण में कामना घट को जमीन के अंदर ढंक कर रखा जाता है। एक वर्ष बाद उसे पाट संक्रांति के दूसरे दिन निकाल कर परंपरा अनुसार सरायकेला के राजा को दिखाया जाता है, जिसके आधार पर क्षेत्र के लिए वार्षिक भविष्यवाणी की जाती है। पाट संक्रांति के संग चड़क पूजा का हुआ समापन : सरायकेला, सीनी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पाट संक्रांति के साथ गुरुवार को चड़क पूजा का समापन हुआ। बुधवार की देर रात भाक्ताओं ने खरकई नदी तट से पाट संक्रांति घट लाकर बाजार स्थित शिव मंदिर परिसर में स्थापित किया। इसी के साथ चड़क पूजा का समापन हुआ। कोरोना के कारण लगातार दो वर्षो से छऊ महोत्सव का आयोजन नहीं हुआ। परंपरा के अनुसार राज्य के छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक तपन पटनायक, विजय साहू समेत अन्य कलाकारों ने सांकेतिक तौर पर नृत्य कर परंपरा का निर्वहन किया। तपन पटनायक ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण शारीरिक दूरी के निर्देशों का पालन कर चड़क पूजा किया गया।