पत्थर खनन के विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
राजनगर प्रखंड के चार गांव के सौ से अधिक ग्रामीणों ने जिला समाहरणालय में पत्थर खनन के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, सरायकेला : राजनगर प्रखंड के चार गांव के सौ से अधिक ग्रामीणों ने जिला समाहरणालय पहुंचकर पत्थर खनन का जोरदार विरोध किया। दो सितंबर को ब्लास्टिंग के दौरान एक बच्ची फूलो टुडू गंभीर रूप से घायल हो गई थी। ग्रामीण उपायुक्त छवि रंजन से पत्थर खनन पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। केंदमुड़ी पंचायत के सोसोघुटू, राजाबासा, डुंगरी में केके बिल्डर द्वारा पत्थर खनन किया जा रहा है।
शुक्रवार को सीआर माझी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिला समाहरणालय में जोरदार प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसमें तत्काल अवैध खनन को बंद करने की मांग की गई। अवैध खनन रोकने की मांग पर काफी संख्या में गांव की महिलाएं एवं पुरुष शुक्रवार को जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला समाहरणालय पहुंचे। ग्रामीण काफी उग्र थे। ग्रामीणों के उग्र रूप को देखते हुए थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने पुलिस बल के साथ वहां पहुंचकर लोगों को शांत कराया। उन्होंने ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल को उपायुक्त से मिलाने ले गए।
थाना प्रभारी ने कहा कि जिला समाहरणालय में धरना-प्रदर्शन करने के लिए स्थानीय थाने को इसकी सूचना देनी चाहिए थी। ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपते हुए अवैध खनन बंद कराने का आग्रह किया। ग्रामीणों ने उपायुक्त को बताया कि 2016 से पूजा स्थल पर अवैध रूप से ग्रामसभा में प्रस्तावित किए बिना पत्थर खनन किया जा रहा है। इसके संबंध में किसी प्रकार की सूचना एवं जानकारी ग्रामीणों को नहीं दी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि विधायक चंपई सोरेन के नेतृत्व में 23 मई 2016 को अवैध खनन बंद करने के लिए शिकायत की गई थी। परंतु अभी तक अवैध खनन बंद नहीं किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि दो सितंबर को ब्ला¨स्टग के दौरान एक पत्थर छिटक कर गांव की एक लड़की फूलो टुडू के पैर में लग गया। इससे वह बुरी तरह घायल हो गई। इसके बाद ग्रामीणों को मजबूर होकर इसका विरोध करना पड़ा।
ग्रामीणों ने बताया कि ब्ला¨स्टग स्थान से गांव व स्कूल से महज सौ मीटर की दूरी पर है। ग्रामीणों ने उपायुक्त से आग्रह किया है कि अवैध खनन को यथाशीघ्र बंद कराई जाए। अगर आगे किसी तरह की दूसरी घटना होती है तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेवार होगा। उपायुक्त ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। जिला समाहरणालय पहुंचने वाले ग्रामीणों में तहसीलदार सोरेन, निमाई हांसदा, कालीचरण हांसदा, मनोज गोप, दाशमत किस्कु, रानी टुडू, पियो टुडू, पार्वती किस्कु, सालगे हांसदा, अनीता टुडू, सुकुरमनी हांसदा, सरस्वती सोरेन, जाशमी हांसदा, सुमंती हांसदा, लखाय हेम्ब्रम, सरिता हांसदा व लखीपद गोप समेत काफी संख्या में महिला व पुरुष शामिल थे।