Move to Jagran APP

ईचा डैम गैरकानूनी, वर्तमान में अधिग्रहित जमीन पर सरकार का मालिकाना हक नहीं

ईचा-खरकई बांध बहुउद्देशीय परियोजना को रद करने की मांग को लेकर मनमोहन सिंहदेव की अध्यक्षता में शुक्रवार को ईचा गांव में ग्रामीणों की बैठक हुई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 08:04 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:13 AM (IST)
ईचा डैम गैरकानूनी, वर्तमान में अधिग्रहित जमीन पर सरकार का मालिकाना हक नहीं
ईचा डैम गैरकानूनी, वर्तमान में अधिग्रहित जमीन पर सरकार का मालिकाना हक नहीं

संवाद सूत्र, राजनगर : ईचा-खरकई बांध बहुउद्देशीय परियोजना को रद करने की मांग को लेकर मनमोहन सिंहदेव की अध्यक्षता में शुक्रवार को ईचा गांव में ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक में ग्रामीणों ने एक स्वर में ईचा डैम को रद करने की आवाज बुलंद की। मनमोहन सिंहदेव ने कहा कि डैम के लिए सरकार ने भू-अर्जन अधिनियम-1894 के तहत भूमि का अधिग्रहण किया था। जबकि योजना 38 साल तक लटकी रही। वर्तमान परिस्थिति में भू-अर्जन अधिनियम-1894 रद हो चुका है। लेकिन जब डैम का री-टेंडर हुआ तो इसके स्थान पर वर्ष 2013 के भूमि अर्जन पुनर्वास और पूर्ण व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम-2013 को भी लागू नहीं किया गया है। जिससे कानूनी दृष्टिकोण से राज्य सरकार का ईचा-खरकई बहुद्देशीय परियोजना के लिए चिन्हित भूमि पर वर्तमान में कोई अधिकार नहीं बनता है। उसका जमीन पर मालिकाना हक खत्म हो चुका है। इस कारण वर्तमान परिस्थिति में 1894 के भू-अर्जन अधिनियम अंतर्गत अधिग्रहित भूमि पर मालिकाना हक कानूनन स्वत: रैयतों के कब्जे में चला गया है। इस कारण वर्तमान चालू डैम निर्माण कार्य भी अवैध एवं गैरकानूनी है। जिसपर सरकार को तत्काल रोक लगानी चाहिए। मनमोहन ने कहा कि डैम से सिर्फ आदिवासी विस्थापित होंगे और किसी सरकार को यह हक नहीं कि इतनी बड़ी आबादी में आदिवासियों को विस्थापित करे। हर हाल में यह डैम रद होना चाहिए। बैठक में पंचायत समिति सदस्य शिशिर सिंहदेव, राकेश सिंहदेव, बासू सिंहदेव सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.