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भाषा-संस्कृति व परंपरा बचाने के लिए हों एकजुट

आदिवासी कुड़मी समाज का विशेष जन जागरण बैठक मंगलवार को राजनगर प्रखंड के चाड़री गांव में मानगर भरत महतो केटिआर व छोटा कादल में मानगर मनसाराम महतो जालबनुआर की अध्यक्षता में हुई

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 01:38 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 05:14 AM (IST)
भाषा-संस्कृति व परंपरा बचाने के लिए हों एकजुट
भाषा-संस्कृति व परंपरा बचाने के लिए हों एकजुट

संवाद सूत्र, राजनगर : आदिवासी कुड़मी समाज का विशेष जन जागरण बैठक मंगलवार को राजनगर प्रखंड के चाड़री गांव में मानगर भरत महतो केटिआर व छोटा कादल में मानगर मनसाराम महतो जालबनुआर की अध्यक्षता में हुई। बतौर मुख्य अतिथि आदिवासी कुड़मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो काछिमा ने बैठक में उपस्थित समाज के लोगों को विस्तारपूर्वक कुड़मी जनजाति के इतिहास, मातृभाषा कुड़माली आदि विशिष्ट संस्कृति के बारअ मासेक तेरअ परब, जनम से लेकर बिहा और मरखि तक के नेग-नेगाचार आदि विशिष्ट प्रथा व परंपरा, आदि धर्म प्रकृति धर्म सरना, देउआ-भूता, गुसटि-परंपरा, स्वशासन-व्यवस्था इत्यादि और भारत की जनगणना 2021 से संबंधित विशेष जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि के रूप में दिलीप महतो सांखुआर, मनोज महतो टिड़ुआर व विश्वनाथ महतो हिदइआ ने भी समाज के लोगों को संबोधित किया। सभी ने समाज से एकजुट व संगठित होकर अपनी भाषा-संस्कृति-परंपरा व हक-अधिकार के लिए सजग रहने की अपील की। मौके पर वासुदेव महतो बाघबनुआर, दीपक महतो जालबनुआर, बैद्यनाथ महतो, विश्वनाथ महतो, धीरेन्द्र नाथ महतो, पप्पू महतो, प्रभाकर महतो, निवारण महतो, दिलीप महतो, गोपाल महतो, गुरुचरण महतो, शिबू महतो, यशोमति महतो, सुशीला महतो, पारुल महतो समेत समाज के माइनगर, बुइधगर के ग्रामीण उपस्थित थे।

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