ठगा महसूस कर रहे दामूडीह के ग्रामीण
पोटका प्रखंड के दामूडीह के ग्रामीण सूबे की सरकार से खफा हैं। उनका आरोप
स्ावादसूत्र, पोटका : पोटका प्रखंड के दामूडीह के ग्रामीण सूबे की सरकार से खफा हैं। उनका आरोप है कि गांव के नशामुक्त होने के बावजूद सरकार ने घोषणा के अनुरूप एक लाख रुपये नहीं मिला
ग्रामीणों ने कहा कि एक साल पूर्व जनवरी, 2016 में गांव को नशामुक्त घोषित कर दिया गया। इसका बोर्ड ग्राम प्रधान ठाकुर माझी के मकान पर टांगा गया। इसकी घोषणा हुए एक साल होने को हैं। सरकार ने कहा था कि जो गांव पूर्ण रूप से नशामुक्त होगा उसे एक लाख रुपये मिलेंगे। लेकिन एक धेला भी नहीं मिला।
ग्राम प्रधान माझी कहते हैं कि सरकारी घोषणा से 25 साल पहले से ही यह गांव नशा से मुक्त है। जब इसे नशामुक्त होने की घोषणा हुई थी तो उम्मीद जगी थी कि गांव के एक लाख रुपये के साथ ही शिक्षा की अलख जगेगी। जबकि मुख्यमंत्री के पूर्व आप्त सचिव संजय पाण्डेय की यह घोषणा बेअसर नजर आ रही है। अब हमलोग ठगा-ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव में गुटखा तक पर भी पाबंदी आगे भी जारी रहेगी।
प्रधान ने बताया कि चोरी या लूट के अलावे इस गांव के ग्रामीण किसी तरह के मुकदमा भी थाने में दर्ज नहीं है।